बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे कुवैत में संसदीय चुनाव के लिए हुआ फीका मतदान

बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे कुवैत में संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। यहां आर्थिक सुधार को लेकर सरकार और संसद के बीच टकराव की स्थिति बनी रहती है और संसद पर सुधार रोकने के आरोप लगते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 09:07 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 09:07 PM (IST)
बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे कुवैत में संसदीय चुनाव के लिए हुआ फीका मतदान
कुवैत के अमीर सबा के निधन के बाद यह पहला राष्ट्रीय चुनाव है।

कुवैत, रायटर। बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे कुवैत में शनिवार को संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। यहां आर्थिक सुधार को लेकर सरकार और संसद के बीच टकराव की स्थिति बनी रहती है और संसद पर सुधार रोकने के आरोप लगते हैं।

कुवैत के अमीर सबा के निधन के बाद यह पहला राष्ट्रीय चुनाव है

लंबे समय तक कुवैत के अमीर ( शासक) रहे शेख सबा अल अहमद अल सबा के निधन के बाद यह पहला राष्ट्रीय चुनाव है। सितंबर में उनके भाई शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबा ने अमीर का पद संभाला था।

50 सीटों के लिए 29 महिलाओं समेत 300 से ज्यादा उम्मीदवार 

खाड़ी क्षेत्र के सबसे पुराने तथा मुखर सदन की 50 सीटों के लिए 29 महिलाओं समेत 300 से ज्यादा उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।

कोरोना महामारी के चलते चुनावी प्रचार इंटरनेट मीडिया तथा टीवी के जरिये हुआ

कोरोना महामारी के कारण चुनाव के लिए अधिकांश चुनावी प्रचार इंटरनेट मीडिया तथा टीवी के जरिये हुआ और यह चुनाव अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार व डेमोग्राफी के मुद्दों पर केंद्रित रहा। उल्लेखनीय है कि कुवैत में विदेशी कामगारों की बड़ी संख्या है।

कम मतदान से ट्राइबल, इस्लामिक को मिल सकता है फायदा

अनुमान है कि महामारी की वजह से इस बार मतदान कम रह सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि कम मतदान से ट्राइबल, इस्लामिक तथा उन उम्मीदवारों को फायदा हो सकता है। 

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