कोविड-19 महामारी के चलते बांग्लादेश, पाक, नेपाल और श्रीलंका से यात्रा पर प्रतिबंध लगाएगा यूएई

यूएई बुधवार से बांग्लादेश पाकिस्तान नेपाल और श्रीलंका से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। यह कदम कोविड-19 महामारी का प्रसार रोकने के लिए उठाया जा रहा है। यूएई ने पिछले महीने भारत से प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:22 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:22 PM (IST)
कोविड-19 महामारी के चलते बांग्लादेश, पाक, नेपाल और श्रीलंका से यात्रा पर प्रतिबंध लगाएगा यूएई
यूएई ने पिछले महीने भारत से प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

दुबई, रायटर। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बुधवार से बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। यह कदम कोविड-19 महामारी का प्रसार रोकने के लिए उठाया जा रहा है। देश के राष्ट्रीय आपात संकट एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है।

यूएई ने पिछले महीने भारत से प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी

प्राधिकार ने कहा है, 'चारों देशों के बीच विमान सेवा जारी रहेगी। यूएई से बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से यात्रियों को ले जाने की अनुमति रहेगी।' यूएई ने पिछले महीने भारत से प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

ईरान-सऊदी अरब वार्ता से निकल सकता है हल

ईरान और सऊदी अरब के बीच चल रही वार्ता की खबरों पर अब मुहर लग गई है। पहली बार ईरान के विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि सऊदी अरब से चल रही वार्ता के बाद कई मुद्दों का हल निकल सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबजाद ने कहा है कि फारस की खाड़ी के दोनों देशों के बीच वार्ता से तनाव खत्म होगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर कुछ मसलों के हल होने की भी उम्मीद है।

पहली बार ईरान विदेश मंत्रालय ने वार्ता की सार्वजनिक पुष्टि की

ज्ञात हो कि सऊदी अरब और ईरान के 2016 में राजनयिक संबंध खत्म हो गए थे। इसका कारण यमन से लेकर सीरिया तक दोनों का छद्म युद्ध लड़ना था। खाड़ी के अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब और ईरान में दो चरणों में वार्ता हो चुकी है। इससे पहले दोनों को वार्ता के स्तर पर लाने के लिए इराक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

खाड़ी की राजनीति तेजी से बदल रही

अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के आने के बाद खाड़ी की राजनीति तेजी से परिवर्तित हो रही है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में ईरान से तेजी से रिश्ते बिगड़े थे। इसके साथ ही ईरान और सऊदी अरब के बीच भी यमन में संघर्ष को लेकर स्थिति बिगड़ी। यमन में सरकार को सऊदी अरब और हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है। इन दोनों देशों के नजदीक आने से यमन के हालात भी बदलेंगे।

ईरान के परमाणु समझौते पर वार्ता के निकलेंगे अच्छे परिणाम

जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा है कि अमेरिका की ईरान के साथ परिमाणु समझौते पर वियना में चल रही वार्ता के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। वियना में दोनों देशों के बीच चार चरणों में वार्ता हो चुकी है। ज्ञात हो कि 2018 में ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था। अब अमेरिका फिर जो बाइडन के नेतृत्व में इसमें शामिल होना चाहता है।

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