ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने किया ‘तख्तापलट’, संसद भंग कर प्रधानमंत्री को किया बर्खास्त
राष्ट्रपति कैस सैयद ने देश की मौजूदा सरकार के साथ प्रधानमंत्री हिचेम मेचिची को भी बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने सेना की मदद से संसद को भंग कर सांसदों के सभी अधिकारों को समाप्त कर दिए हैं। देश में इस्लामवादियों समेत सभी राजनीतिक दलों ने तख्तापलट की निंदा की है।
टुनिस,रॉयटर्स: ट्यूनीशिया में लोकतंत्र मौजूदा वक्त के सबसे खराब दौर से गुजर है। यहां राष्ट्रपति कैस सैयद ने देश की मौजूदा सरकार के साथ प्रधानमंत्री हिचेम मेचिची को भी बर्खास्त कर दिया है। साथ ही उन्होंने सेना की मदद से संसद को भंग कर सांसदों के सभी अधिकारों को समाप्त कर दिया है। देश में इस्लामवादियों समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने तख्तापलट की निंदा की है।
विरोध प्रदर्शन का आह्वाहन
दरअसल, देश की सरकार कोरोनावायरस महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था का ठीक से संचालन करने में सक्षम नहीं थी। जिसके चलते देश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके बाद स्थिति काबू से बाहर होते देख, राष्ट्रपति ने यह कदम उठाया है। संसद के अध्यक्ष राचेद घनौची, ने राष्ट्रपति के इस फैसले को लोकतंत्र पर हमला बताया है। साथ ही उन्होंने ट्यूनीशिया के लोगों से सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है।
संसद के बाहर प्रदर्शन
वहीं, सोमवार की सुबह राष्ट्रपति के समर्थक और विरोधियों ने संसद के बाहर एक-दूसरे पर पथराव किया। जिससे वहां मौजूद लोगों को चोट लगने की खबर सामने आई है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका विपरीत असर हुआ है। देश की सेना ने अभी तक सैयद द्वारा तख्तापलट की इस हरकत को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इस दौरान राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, सेना ने संसद की घेराबंदी भी कर घनौची को भी अंदर जाने से रोक दिया। वहीं, टीवी न्यूज चैनल अल-जज़ीरा ने बताया कि, पुलिस ने उसके ट्यूनिस स्थित ब्यूरो पर धावा बोला और वहां काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया।
तीस दिनों के लिए संसद भंग
रविवार की देर रात सैयद ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि, वो प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर देश की संसद को 30दिनों के लिए भंग कर रहे है। वो जल्द ही नए प्रधानमंत्री की घोषणा करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि, वो एक नए प्रधानमंत्री की मदद से कार्यकारी अधिकार हासिल करेंगे। ये 2014 में बनाए गए संविधान के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती होगी। जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के बीच अधिकारों का बंटवारा करती है। वहीं, विरोधियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा की, मैं उन सभी लोगों को चेतावनी देता हूं, जो हथियार उठाने की योजना बना रहे हैं। जो कोई भी गोली चलाएगा, सेना भी उसे गोलियों से ही जवाब देगी।
राष्ट्रपति ने पहले ही दी थी चेतावनी
सैयद ने पहले ही संसद को भंग करने और प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने की चेतावनी दी थी। गौरतलब है की, बीते सितंबर से ही ट्यूनीशिया में राजनीतिक गतिरोध जारी है और अब तख्तापल्ट के बाद प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर है। लोगों ने सामाजिक और आर्थिक सुधारों की बात कही है। देश इस वक्त आर्थिक संकट के दौर से गुजर रह है। साथ ही कोविड-19 संक्रमण ने स्वास्थ्य से जुड़ी मुश्किलें भी खड़ी कर दी हैं। यहां कोविड-19 के चलते 18 हजार से ज्यादा लोग अब तक अपनी जान गवां चुके हैं।