11 सितंबर को शपथ ले सकती है तालिबान सरकार, भारत व अमेरिका समेत कई देशों को आमंत्रण भेजने की चर्चा

तालिबान की कार्यवाहक सरकार 11 सितंबर को शपथ ले सकती है। इसके लिए भारत अमेरिका चीन व पाकिस्तान समेत कई देशों को आमंत्रण भेजे जाने की चर्चा है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय अभी तक तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 11:07 PM (IST)
11 सितंबर को शपथ ले सकती है तालिबान सरकार, भारत व अमेरिका समेत कई देशों को आमंत्रण भेजने की चर्चा
तालिबान की कार्यवाहक सरकार 11 सितंबर को शपथ ले सकती है।

काबुल, आइएएनएस। बंदूक के दम पर अफगानिस्तान की सत्ता हासिल करने वाले तालिबान की कार्यवाहक सरकार 11 सितंबर को शपथ ले सकती है। इसी दिन वर्ष 2001 में अमेरिका स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के ट्विन टावर पर भीषण आतंकी हमला हुआ था।

रिपोर्ट के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह के लिए तालिबान सरकार की तरफ से भारत, चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, कतर और अमेरिका आदि को आमंत्रण भेजा गया है। तालिबान ने अपनी सरकार को कार्यवाहक बताते हुए उसके मंत्रियों के नामों की घोषणा की है। वह अंतरराष्ट्रीय मान्यता चाहता है, जिसके लिए उसने विभिन्न देशों से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में दूतावासों को फिर से खोलने की अपील की है।

हम चीन समेत सभी पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध चाहते हैं : जबीउल्ला मुजाहिद

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा, 'हम मानते हैं कि निवेश के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है। हम चीन समेत सभी पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध चाहते हैं। युद्ध खत्म हो चुका है और देश संकट से उबर रहा है। हमें लोगों के समर्थन की जरूरत है। अफगानिस्तान को मान्यता पाने का हक है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को काबुल में दूतावास फिर से खोलने चाहिए।'

अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय अभी तक तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है। सरकार में स्थानीय पारंपरिक समूहों को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबानी आतंकियों को सरकार में शामिल किए जाने से भी नाखुश है। खासकर, अंतरिम प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद, जिन पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी जो एफबीआइ के वांछितों की सूची में शामिल हैं और उनके सिर पर एक करोड़ डालर (करीब 73 करोड़ रुपये) का इनाम है। शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी, जिन पर 50 लाख डालर (करीब 36.5 करोड़ रुपये) का इनाम है। 

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