दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों ने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रतिबंधों को बढ़ाने का आग्रह किया

दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को मध्यरात्रि कर्फ्यू सहित सख्त शारीरिक दूरी के नियमों का आह्वान किया है। उनका कहना है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है। और कोविड ​​-19 मामलों की संख्या तीन सप्ताह में दोगुनी हो गई है।

By Ashisha SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 03:32 PM (IST)
दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों ने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रतिबंधों को बढ़ाने का आग्रह किया
दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों ने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रतिबंधों को बढ़ाने का आग्रह किया

सियोल, रायटर। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को मध्यरात्रि कर्फ्यू सहित सख्त शारीरिक दूरी के नियमों का आह्वान किया है। उनका कहना है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है। सीओवीआईडी ​​-19 मामलों की संख्या तीन सप्ताह में दोगुनी हो गई है, जो बड़े पैमाने पर युवाओं और उन लोगों के द्वारा बढ़ें हैं, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है।

दक्षिण कोरिया में अधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण से जुड़े संक्रमणों के कारण हालात सबसे खराब हैं, जिसे कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि ये लोगों द्वारा शारीरिक दूरी का पालन न करना व धीमी टीकाकरण अभियान का होना मुख्य वजह है। गुरुवार को, अधिकारियों ने 1,674 नए मामले दर्ज किए, जो एक दिन पहले लगभग 2,000 से थोड़ा कम थे।

हलीम यूनिवर्सिटी सेक्रेड हार्ट हॉस्पिटल में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रोफेसर, जंग की-सक ने कहा कि युवा भारी भीड़ इकट्ठा करने या घूमने फिरने से बिल्कुल भी कतरा नहीं रहे हैं। बता दें कि बीते दिन कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) ने एक बयान में जानकारी देते हुए बताया था कि दक्षिण कोरिया ने सीओवीआईडी ​​-19 मामलों में अपनी उच्चतम दैनिक वृद्धि दर्ज की है। केडीसीए ने कहा कि देश ने मंगलवार को 1,896 नए कोरोना वायरस मामले दर्ज किए। इससे पहले रिकॉर्ड 1,318 कोरोना के मामले 9 जुलाई को दर्ज हुए थे। नए मामलों में से 1,823 स्थानीय थे और 73 विदेश से जुड़े थे।

दक्षिण कोरिया ने बड़े पैमाने पर महामारी को पिछले वर्ष काबू में रखा था, इसी का कारण है कि यहां अब तक कुल 195,099 मामले सामने आए हैं और 2,085 मौतें हुई हैं, जो कई अन्य देशों की तुलना में बहुत कम हैं। हालांकि, देश का टीकाकरण अभियान धीमा रहा है क्योंकि इसके 52 मिलियन लोगों में से केवल 36% लोगों को ही वैक्सीन की सिर्फ एक डोज मिल सकी है और सिर्फ 14% पूरी तरह से टीकाकरण करवा चुके हैं। 

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