सऊदी अरब में देशद्रोह पर तीन सैनिकों को दी गई मौत, पिछले साल 27 लोगों को दिया गया था मृत्युदंड
सऊदी अरब में देशद्रोह के मामले में तीन सैनिकों को शनिवार को मौत दी गई। इन सैनिकों को दुश्मन देश का सहयोग करने पर देशद्रोह का दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड दिया गया था। एक विशेष अदालत ने तीनों को मौत की सजा सुनाई थी।
दुबई, रायटर। सऊदी अरब में देशद्रोह के मामले में तीन सैनिकों को शनिवार को मौत दी गई। इन्हें दुश्मन देश का सहयोग करने पर देशद्रोह का दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड दिया गया था। सऊदी के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एक विशेष अदालत ने निष्पक्ष सुनवाई के बाद तीनों को मौत की सजा सुनाई थी। इनकी सजा पर शनिवार को अमल किया गया। मंत्रालय ने किसी दुश्मन देश का जिक्र नहीं किया, लेकिन तीनों को देश के दक्षिणी प्रांत में मौत दी गई।
इस प्रांत की सीमाएं यमन से लगती हैं। यमन में सऊदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना पिछले छह साल से ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों से संघर्ष कर रही है। सरकारी संस्था ह्यूमन राइट्स कमीशन के अनुसार, सऊदी अरब में पिछले साल 27 लोगों के मृत्युदंड पर अमल किया गया था जबकि वर्ष 2019 में 185 लोगों को मौत दी गई थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कई अधिकार समूहों ने सऊदी सरकार से मृत्युदंड पर रोक लगाने की मांग की है।
हाल ही में यमन के हाउती विद्रोहियों ने सऊदी अरब में विस्फोटक लदे ड्रोन से कई हमले किए थे। इन हमलों में एक तेल टैंक में आग लग गई थी। हालांकि इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ था। इनमें से कई ड्रोन सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने मार गिराए थे। गठबंधन सेना ने बताया था कि हाउती विद्रोहियों ने यमन से सटे सऊदी के नजरान और जजान शहरों के विश्वविद्यालयों को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
मालूम हो कि साल 2015 से सऊदी गठबंधन ने हाउती विद्रोहियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। गठबंधन सेनाएं इन विद्रोहियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए लगातार कदम उठाती रही हैं। वहीं हाउती विद्रोहियों ने राजधानी सना समेत यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर रखा है। ये आतंकी अक्सर यमन से सटे सऊदी के सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाते हैं।