ईरानी मीडिया ने कहा- परमाणु इमारत पर हमला विफल, घटना में किसका हाथ, हो रही जांच
ईरान की एक वेबसाइट ने जानकारी दी है कि परमाणु ऊर्जा संगठन की इमारत पर हमले की कोशिश की गई जिसे नाकाम कर दिया गया है। ईरानी अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि नहीं की है। यह खबर ईरान की वेबसाइट नोर न्यूज ने दी है...
तेहरान, रायटर। ईरान की एक वेबसाइट ने जानकारी दी है कि परमाणु ऊर्जा संगठन की इमारत पर हमले की कोशिश की गई, जिसे नाकाम कर दिया गया है। ईरानी अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि नहीं की है। यह खबर ईरान की वेबसाइट नोर न्यूज ने दी है, जो कि ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के काफी नजदीक मानी जाती है। इस वेबसाइट के मुताबिक हमले की साजिश की जांच की जा रही है कि इस घटना में किसका हाथ है।
किसी जानी नुकसान की सूचना नहीं
ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार यह हमला स्थानीय समय के अनुसार बुधवार को सुबह हुआ। इसमें कोई नुकसान या किसी के मरने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ईरान ऐसे पूर्व में हुए हमलों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराता रहा है।
पहले भी हुए हैं हमले
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्र में एक रहस्यमयी धमाके के चलते सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गया था। ईरान ने इसके पीछे इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। यही नहीं इसी साल 11 अप्रैल 2021 को नतांज परमाणु संयंत्र पर ब्लैक आउट देखा गया था।
36 वेबसाइटों पर अमेरिका में प्रतिबंध
अमेरिका के न्याय विभाग ने मंगलवार को ईरान से संबंधित 36 वेबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने कहा है कि अधिकांश वेबसाइट गलत जानकारी और हिंसा का प्रचार का प्रसार करने वाली थीं।
बाइडन से मिलने के इच्छुक नहीं रईसी
हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलने के इच्छुक नहीं है। रईसी ने यह भी कहा कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया था कि वह समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं पर लौट आए और ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा ले।
मोसाद के पूर्व प्रमुख ने कही थी यह बात
बीते दिनों इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने ईरान में मोसाद की गतिविधियों को लेकर कई जानकारियां दी थी। उन्होंने इजरायली टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में संकेत दिया था कि ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्रों पर हुए हमले और एक सैन्य वैज्ञानिक को निशाना बनाने वाला कथित तौर पर इजरायल ही था। इसके पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था।