विवाद की भेंट चढ़ा इजरायल व फलस्तीन का वैक्सीन करार, एक्सपायरी डेट को लेकर आमने-सामने
जल्द ही एक्सपायर होने वाली डोज भेजने पर फलस्तीन ने रद किया समझौता। इजरायल ने कहा एक्सपायरी डेट की जानकारी देने के बाद ही सप्लाई की गई थी वैक्सीन। फलस्तीन को जो वैक्सीन भेजी गई थी उसकी मियाद जुलाई में खत्म हो रही थी।
यरुशलम, न्यूयार्क टाइम्स। लंबी बातचीत, दबाव और इन्कार के बाद इजरायल और फलस्तीन के बीच वैक्सीन को लेकर हुआ करार विवाद की भेंट चढ़ गया है। इजरायल ने शुक्रवार को कोरोना रोधी वैक्सीन की एक लाख डोज फलस्तीन भेजी थीं, लेकिन कुछ ही समय बाद फलस्तीन ने उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया कि उनकी मियाद यानी एक्सपायरी डेट जल्द खत्म होने वाली है।
दरअसल, महीनों से मानवाधिकार कार्यकर्ता यह दलील दे रहे थे कि इजरायल की यह नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वह उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में रहने वाले फलस्तीनियों का टीकाकरण करे। इजरायल इससे इन्कार करता रहा और सिर्फ उन्हीं 1.30 लाख फलस्तीनियों का टीकाकरण किया, जिन्हें उसके यहां काम करने आने की अनुमति मिली थी। बाद में इजरायल 10 से 14 लाख के बीच डोज फलस्तीनी प्रशासन को देने पर राजी हुआ था। उसी के तहत एक लाख डोज दी थी।
फलस्तीनी प्रशासन के प्रवक्ता इब्राहिम मेल्हेम ने कहा कि इजरायल की तरफ से भेजी गई डोज करार के मुताबिक नहीं थीं और उनकी मियाद भी जल्द ही खत्म होने वाली थी। इसलिए, प्रशासन ने इस साल के अंत तक फाइजर-बायोएनटेक से मिलने वाली 40 लाख डोज का इंतजार करने का फैसला किया।
वहीं, इजरायल के अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि फलस्तीन को जो वैक्सीन भेजी गई थी, उसकी मियाद जुलाई में खत्म हो रही थी। इस तरह फलस्तीन के पास उनका इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त समय था।