शस्‍त्र प्रतिबंधों के मामले में ईरान ने यूरोपीय देशों को चेताया, US के दबाव में आए तो भुगतने होंगे परिणाम

ईरान ने साफ कहा है कि शस्‍त्र प्रतिबंध के मामले में संयुक्‍त राष्‍ट्र में अगर यूरोपीय देश अमेरिका का साथ देते हैं तो वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 09:25 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 09:25 AM (IST)
शस्‍त्र प्रतिबंधों के मामले में ईरान ने यूरोपीय देशों को चेताया, US के दबाव में आए तो भुगतने होंगे परिणाम
शस्‍त्र प्रतिबंधों के मामले में ईरान ने यूरोपीय देशों को चेताया, US के दबाव में आए तो भुगतने होंगे परिणाम

तेहरान, एजेंसी। ईरान में शस्‍त्र प्रतिबंध लगाने के मामले में यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि वह अमेरिकी दबाव में नहीं आए। ईरान ने साफ कहा है कि शस्‍त्र प्रतिबंध के मामले में संयुक्‍त राष्‍ट्र में अगर यूरोपीय देश अमेरिका का साथ देते हैं तो वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है अगर वे अमेरिका के राजनीतिक दबाव में आते हैं तो तेहरान भी जवाबी कार्रवाई के लिए बाध्‍य होगा।

इसके पूर्व संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने कहा था कि उनका मानना है कि उनके देश के खिलाफ हथियारों पर लगे प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने का अमेरिकी प्रस्ताव नामंजूर हो जाएगा। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि इसके बाद भी अगर ट्रंप प्रशासन संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की कोशिश करता है तो यह बहुत बड़ी भूल होगी। राजदूत माजिद रवांची ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को बहाल करने से ईरान और अन्य बड़ी शक्तियों के बीच 2015 में हुआ परमाणु समझौता समाप्त हो जाएगा और तेहरान अपनी सभी प्रतिबद्धताओं से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो ईरान पर कोई दबाव नहीं होगा कि उसे आगे क्या कार्रवाई करनी है। ईरान के लिए सभी विकल्प खुले होंगे। 

तेहरान पर से हथियार प्रतिबंध हटाना परमाणु समझौते को समर्थन देने वाले 2015 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का हिस्सा है। रवांची की इस टिप्पणी से एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ईरान पर उस सूरत में संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को फिर से लगाने की चेतावनी दी थी, अगर सुरक्षा परिषद हथियार प्रतिबंधों को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करती। इन प्रतिबंधों की अवधि अक्टूबर में समाप्त होनी है।  

तेहरान पर से हथियार प्रतिबंध हटाना परमाणु समझौते को समर्थन देने वाले 2015 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का हिस्सा है। इस टिप्पणी से एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ईरान पर उस सूरत में संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को फिर से लगाने की चेतावनी दी थी, अगर सुरक्षा परिषद हथियार प्रतिबंधों को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करती। इन प्रतिबंधों की अवधि अक्टूबर में समाप्त होनी है। पोम्पिओ ने कहा था कि ईरान उन्नत हथियार प्रणालियां खरीदने में सक्षम हो जाएगा और दुनिया भर मे आतंकवादियों एवं दुष्ट शासनों के लिए पसंदीदा हथियार डीलर बन जाएगा।

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