राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता में संपन्न हुआ यूएई-इजराइल समझौता तेहरान के विरोध में
उन्होंने यूएई को बुद्धिमान बताते हुए कहा कि उसने एक बड़ी गलती की है। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि हम आशा करते हे कि यूएई गलत रास्ते का त्याग कर देगा।
तेहरान, एजेंसी। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को एक भाषण में कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक बड़ी भूल की है। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि यह समझौता खाड़ी देशों के साथ विश्वासघात है। अपने भाषण में रूहानी ने यूएई को चेतावनी दी है कि वह इजराइल के साथ इस समझौते से अलग हट जाए। उन्होंने यूएई को बुद्धिमान बताते हुए कहा कि उसने एक बड़ी गलती की है। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि हम आशा करते हे कि यूएई गलत रास्ते का त्याग कर देगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में हुए इस करार को ईरान के विरोध के रूप में देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति ने इस समझौते पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह करार गलत नहीं था, तो अमेरिका ने तीसरे देश में इसकी घोषणा क्यों की ? उन्होंने कहा अमीरात ने अपने मुसलमान भाइयों के साथ विश्वासघात किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अमीरात ने सोचा होगा कि ईरान के दुश्मनों के करीब पहुंचकर ही उसकी सुरक्षा होगी, लेकिन इतिहास गवाह है कि ईरान ने सदैव अपने पड़ोसियों की रक्षा की है और फारस की खाड़ी का रक्षक रहा है।
उधर, ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी शुक्रवार को कहा था कि इस समझौते के साथ यूएई ने फलस्तीन लोगों और सभी मुस्लिमों की पीठ में खंजर घोंप दिया है, जबकि तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र के लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे। वे यूएई के इस कपटपूर्ण बर्ताव को भी कभी माफ नहीं करेंगे। इससे पहले हमास भी इस समझौते की तीखी आलोचना कर चुका है। उसने भी समझौते को लोगों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा करार दिया है।