ईरान में कट्टरपंथियों के निशाने पर राष्ट्रपति रूहानी, सांसदों ने पूछताछ के लिए बुलाने को कहा
ईरान के कट्टरपंथी सांसदों ने राष्ट्रपति हसन रूहानी को पूछताछ के लिए बुलाने की योजना बनाई है। रूहानी को पूछताछ के लिए बुलाने वाले प्रस्ताव पर 120 सांसदों ने दस्तखत किए हैं।
दुबई, रायटर। सरकार की आर्थिक नीतियों पर बढ़ते असंतोष के बीच ईरान के कट्टरपंथी सांसदों ने राष्ट्रपति हसन रूहानी को पूछताछ के लिए बुलाने की योजना बनाई है। विश्लेषकों के मुताबिक यह कदम आगे चलकर उनके खिलाफ महाभियोग का रूप ले सकता है। बता दें कि 2018 में अमेरिकी प्रतिबंधों के फिर से लागू होने के बाद से ईरानी लोगों के रोजमर्रा का जीवन काफी मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं बढ़ती मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी और मंदी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है।
ईरान की अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम के मुताबिक, राष्ट्रपति हसन रूहानी को पूछताछ के लिए बुलाने वाले प्रस्ताव पर 290 में से 120 सांसदों ने हस्ताक्षर किए और इसे संसद के पीठासीन बोर्ड को सौंप दिया है। अगर पीठासीन बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो राष्ट्रपति रूहानी को संसद में पेश होकर सांसदों के सवालों के जवाब देने होंगे। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई द्वारा सरकार के सभी अंगों में एकता के आह्वान के बीच इस बात की उम्मीद कम है कि पीठासीन बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी दे।
बता दें कि संसद ने इसी तरह का एक कदम रूहानी के पूर्ववर्ती के खिलाफ भी उठाया था, लेकिन खामनेई ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इसे रोक दिया था। पहली बार रूहानी वर्ष 2013 में राष्ट्रपति चुने गए थे और वर्ष 2017 में उन्हें फिर से इस पद के लिए चुना गया। विशेषज्ञों का कहना है कि कट्टरपंथी खामनेई रूहानी के कमजोर होने से खुश हो सकते हैं, लेकिन वह राष्ट्रपति को पद से हटाकर इस्लामी गणतंत्र की वैधता को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेंगे। रूहानी का कार्यकाल वर्ष 2021 में खत्म हो रहा है।