ईरान में गैस स्टेशन पर साइबर अटैक, देशभर के ईंधन ब्रिकी केंद्र हुए ठप

ईरान में गैस स्टेशन पर संभावित साइबर अटैक की खबर है। इससे देशभर के ईंधन ब्रिकी केंद्र ठप हो गए हैं। जानकारी के अनुसार ईंधन सब्सिडी की प्रणाली नियंत्रित करने वाले साफ्टवेयर में खराबी आने से बिक्री रोकनी पड़ी है। इसे वहां अर्धसरकारी समाचार एजेंसी ने साइबर अटैक बताया है।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:13 PM (IST)
ईरान में गैस स्टेशन पर साइबर अटैक, देशभर के ईंधन ब्रिकी केंद्र हुए ठप
रान में गैस स्टेशन पर साइबर अटैक।

दुबई, एपी। ईरान में गैस स्टेशन पर संभावित साइबर अटैक की खबर है। इससे देशभर के ईंधन ब्रिकी केंद्र ठप हो गए हैं। जानकारी के अनुसार ईंधन सब्सिडी की प्रणाली नियंत्रित करने वाले साफ्टवेयर में खराबी आने से बिक्री रोकनी पड़ी है।  इसे वहां अर्धसरकारी समाचार एजेंसी ने साइबर अटैक बताया है। देश की सरकारी टीवी चैनल ने फोटो साझा की हैं, जिसमें तेहरान में गैस एजेंसी से बाहर लंबी लाइन में खड़ी कारों को देखा जा सकता है। एसोसिएटेड प्रेस के एक पत्रकार ने भी तेहरान गैस स्टेशन पर कारों की लाइनें भी देखी है, जहां पंप और स्टेशन बंद थे। स्टेट टीवी ने यह नहीं बताया कि समस्या क्या थी, लेकिन कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी तकनीकी समस्या को हल करने के लिए आपातकालीन बैठक कर रहे हैं।

अर्धसरकारी समाचार एजेंसी आइएसएनए ने इस घटना को साइबर हमला बताते हुए कहा कि उसने देखा कि जो लोग सरकार द्वारा जारी कार्ड के माध्यम से ईंधन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें 'साइबर अटैक 64411' का संदेश मिल रहा है।आर्थिक समस्याओं के बीच देश के अधिकांश लोग अपने वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए सब्सिडी पर आश्रित हैं। आइएसएनए ने यह जानकारी नहीं दी कि संख्या किससे जुड़ा है।

हालांकि, यह संख्या ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के कार्यालय के हाटलाइन से जुड़ा है। इससे वे इस्लामिक कानूनों के सवालों के जवाब देते हें। आइएसएनए ने बाद में अपनी रिपोर्ट हटा दी। किसी भी समूह ने अभी तक इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालाेकि, '64411' संख्या जुलाई में ईरान की रेल रोड प्रणाली को निशाना बनाते हुए एक हमले से जुड़ी हुई है। उस समय भी यह संख्या दिखाई दी थी। ईरान लगातार साइबर हमलों का सामना कर रहा है। इसमें अगस्त में एविन जेल को गाली देने का वीडियो भी शामिल है। स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस के बाद देश ने अपने अधिकांश सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर को इंटरनेट से अलग कर दिया।

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