ईरान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर कहा, सार्थक होनी चाहिए परमाणु वार्ता

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहैन ने बाइडन प्रशासन पर विरोधाभाषी संदेश देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह 2015 परमाणु वार्ता में शामिल होना चाहता है लेकिन तेहरान पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं और सकारात्मक संकेत देने वाले कदम नहीं उठाए गए हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:42 PM (IST)
ईरान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर कहा, सार्थक होनी चाहिए परमाणु वार्ता
ईरान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर कहा, सार्थक होनी चाहिए परमाणु वार्ता।

तेहरान, एजेंसी। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहैन ने कहा कि परमाणु वार्ता को लेकर सार्थक वार्ता होनी चाहिए। यह टिप्पणी उन्होंने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर बातचीत में शुक्रवार को की। उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से संयुक्त विस्तृत कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) के नाम से ज्ञात 2015 के ईरानी परमाणु सौदे को जीवित करने के लिए बातचीत 'लाभकारी और सार्थक' होनी चाहिए।

अब्दुल्लाहैन ने कहा कि वर्तमान में ईरानी प्रतिनिधिमंडल की जेसीपीओए के अन्य पक्षों के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न पक्षों से अलग-अलग और द्विपक्षीय वार्ता की है। ईरान में जेसीपीओए डोजियर की समीक्षा पूरी होने के बाद वार्ता की मेज पर सामग्री और विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। प्रेट्र के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश जल्द ही परमाणु समझौते की ओर लौटेगा। उन्होंने बाइडन प्रशासन पर विरोधाभाषी संदेश देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह 2015 परमाणु वार्ता में शामिल होना चाहता है, लेकिन तेहरान पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं और सकारात्मक संकेत देने वाले कदम नहीं उठाए गए हैं।

बता दें कि परमाणु समझौते के सिलसिले में अमेरिका और ईरान की वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया है। अमेरिका ने कहा था कि ईरान की कुछ प्रमुख मांगों से वह असहमत है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान ने कहा था कि समझौते में शामिल होने का फैसला ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेना है। अमेरिका न्यायोचित तरीके से समझौते में फिर से शामिल होने के लिए तैयार है।

एबीसी टेलीविजन से बातचीत में सुलीवान ने कहा था कि  2015 में हुए समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए दोनों पक्षों ने काफी दूरी तय की लेकिन कुछ मसलों को लेकर असहमति है। ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों को पहले हटवाना चाहता है जिसके लिए हम तैयार नहीं है। परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए विएना में अप्रैल से वार्ता चल रही है। इसमें अमेरिका की ओर से ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अधिकारी वार्ता कर रहे हैं।

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