तालिबान ने अमरुल्ला सालेह के भाई का किया कत्ल, अफगानिस्तान की नई सरकार को लेकर दुनिया आशंकित

अफगानिस्तान में बंदूक के बल पर सत्ता पर कब्जा जमाने वाले तालिबान का क्रूर चेहरा दुनिया के सामने आने लगा है। अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह के बड़े भाई का कत्ल कर दिया है। हत्या से पहले उन्हें घोर यातना दिए जाने की भी खबर है।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 09:31 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 09:31 PM (IST)
तालिबान ने अमरुल्ला सालेह के भाई का किया कत्ल, अफगानिस्तान की नई सरकार को लेकर दुनिया आशंकित
अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह।

काबुल, रायटर। अफगानिस्तान में बंदूक के बल पर सत्ता पर कब्जा जमाने वाले तालिबान का क्रूर चेहरा दुनिया के सामने आने लगा है। काबुल में अपने अधिकारों की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी महिलाओं और पत्रकारों पर ज्यादती करने वाले तालिबान ने अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह के बड़े भाई का कत्ल कर दिया है। हत्या से पहले उन्हें घोर यातना दिए जाने की भी खबर है। तालिबान के अतीत से वाकिफ विश्व बिरादरी अफगानिस्तान की नई सरकार को लेकर आशंकित हो गई है। हालात यह हो गए हैं कि न तो तालिबान के साथ समझौता करने वाले अमेरिका को और न ही दुनिया के दूसरे देशों को ही उसकी कथनी पर भरोसा हो रहा है।

अमरुल्ला सालेह के भाई रोहुल्ला अजीजी की हत्या की खबर पंजशीर घाटी पर तालिबान के कब्जे के दावे के एक दिन बाद आई है। रायटर को भेजे मैसेज में एबादुल्ला सालेह ने कहा, 'उन्होंने मेरे चाचा को मार डाला। उन्होंने कल उनकी हत्या कर दी और उनके शव को दफनाने भी नहीं दिया। वे कह रहे थे कि उनका शव सड़ना चाहिए। सालेह नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के साथ मिलकर तालिबान से लड़ रहे हैं।

सरकार बनाने से पहले तालिबान ने विरोधियों को माफी और महिलाओं को शरिया के मुताबिक अधिकार देने का वादा किया था। वह अपने किसी भी वादे पर खरा नहीं उतरा है। काबुल में विरोध करती महिलाओं पर ज्यादती की गई। प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को बुरी तरह से पीटा गया। यही वजह है कि अमेरिका समेत किसी भी देश को तालिबान के कथनी पर भरोसा नहीं हो रहा है। अमेरिका ने तो अंतरिम सरकार को भी दुनिया की उम्मीदों के विपरीत बताया है, जिसमें घोषित वैश्विक आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृह मंत्री बनाया गया है।

दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेदी पैंडोर ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिक्स देशों में इस पर सहमति बनी है कि जब तक तालिबान सरकार अपने कार्यों से यह भरोसा नहीं दिलाती है कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करेगी तब तक उसे मान्यता नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान में लोकतंत्र की बहाली और मानवाधिकारों का सम्मान चाहते हैं। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में ब्रिक्स देशों की बैठक हुई थी, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी शामिल थे।

तालिबान सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होगा रूस

रूस ने कहा कि वह तालिबान सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में किसी भी तरह से शामिल नहीं होगा। तालिबान ने रूस समेत छह देशों को समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा था। रूसी संसद के उच्च सदन के स्पीकर ने इस हफ्ते के शुरू में कहा था कि शपथ ग्रहण समारोह में दूतावास स्तर के अधिकारी शामिल होंगे।

पंजशीर घाटी में हमले में शामिल होने से पाकिस्तान का इन्कार

पाकिस्तान ने उन खबरों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में वह तालिबान के साथ मिलकर लड़ रहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने देर रात जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले कहा गया था कि पंजशीर घाटी में पाकिस्तानी सेना के 27 हेलीकाप्टर लड़ाई में तालिबान की मदद कर रहे हैं।

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