DATA STORY : जिस शहर में ओलंपिक हो रहा है, उसे इस मामले में मिला गोल्ड मेडल

ट्यूनर एंड टाउनसेंड इंटरनेशनल कंस्ट्रक्शन मार्केट सर्वे ने जापान की राजधानी टोक्यो को सबसे अधिक बिल्डिंग कॉस्ट का गोल्ड मेडल मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक निर्माण की लागत टोक्यो शहर में सबसे अधिक है। सर्वे में 45 देशों के 90 बाजारों को शामिल किया गया है।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 08:53 AM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 08:56 AM (IST)
DATA STORY : जिस शहर में ओलंपिक हो रहा है, उसे इस मामले में मिला गोल्ड मेडल
रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी कौशल के साथ-साथ जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आयोजन चल रहा है। बीते कुछ दिनों में ओलंपिक से भारत के लिए लगातार अच्छी खबरें आई हैं। रवि दहिया का सिल्वर पदक, मीराबाई चानू का सिल्वर पदक, हॉकी में कांस्य पदक, बैडमिंटन में पी. वी. सिंधु को कांस्य पदक, बॉक्सिंग में लवलीना को कांस्य पदक मिल चुका है। वहीं इन सबके बीच जापान की राजधानी टोक्यो को एक मामले में गोल्ड मेडल मिला है।

ट्यूनर एंड टाउनसेंड इंटरनेशनल कंस्ट्रक्शन मार्केट सर्वे ने जापान की राजधानी टोक्यो को सबसे अधिक बिल्डिंग कॉस्ट का गोल्ड मेडल मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक निर्माण की लागत टोक्यो शहर में सबसे अधिक है। सर्वे में 45 देशों के 90 बाजारों को शामिल किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी कौशल के साथ-साथ जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका की शीर्ष टेक कंपनियां भी जापान के रियल इस्टेट में निवेश को इच्छुक है। कंपनियों का मानना है कि जापान के ई-कॉमर्स बाजार में अपार संभावनाएं है। इस मामले में यह यह यूरोप और चीन को कड़ी टक्कर दे रहा है।

इतनी है प्रति स्क्वायर मीटर निर्माण लागत

एशिया के हब से नजदीक होने के कारण और तकनीक दक्षता की वजह से जापान के पक्ष में कई बातें जाती है। टोक्यो की निर्माण लागत प्रति स्क्वायर मीटर 4,002 अमेरिकी डॉलर है। इस मामले में हांगकांग दूसरे नंबर पर आता है। जहां पर निर्माण लागत प्रति स्क्वायर मीटर 3,894 अमेरिकी डॉलर है। न्यूयॉर्क में प्रति स्क्वायर मीटर निर्माण लागत 3,720 अमेरिकी डॉलर है। जेनेवा में प्रति स्क्वायर मीटर निर्माण लागत 3,478 अमेरिकी डॉलर है।

टोक्यो की निर्माण लागत की एक बड़ी वजह यहां ओलंपिक का होना भी है। खेलों की तारीख बढ़ने का असर भी टोक्यो ओलंपिक के बजट पर पड़ा है। खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने से जापान को 2.8 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च आया, जिसमें से दो-तिहाई का भुगतान पब्लिक फंडिंग के साथ किया गया था। जापान का मानना है कि यह खर्च पहले से ही काफी अधिक था जो आगे बढ़ने से और ज्यादा हो गया। जब 2013 में जापानी राजधानी को ओलंपिक कराने की अनुमति दी गई थी, तो बिड कमेटी ने 7.3 बिलियन डॉलर का अनुमान लगाया था। 2019 में इसे संशोधित कर दिया गया। 2019 में इसकी कीमत बढ़कर 12.6 बिलियन डॉलर हो गई।

जापान के नेशनल ऑडिट बोर्ड ने बाद में बताया कि अंतिम लागत 22 अरब डॉलर से कहीं अधिक होगी। वित्तीय समाचार पत्र निक्केई और असाही का दावा है कि ओलंपिक की मेजबानी की अंतिम लागत वास्तव में 28 बिलियन डॉलर की होगी। 

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