बुधवार को वियतनाम पहुंचेेगी जापान की ओर से भेजी गई कोरोना वैक्सीन की खेप
कोरोना महामारी से जंग में दुनिया ने अब तक एकमात्र तरीका वैक्सीन ही खोजा है। जिन देशों ने इसमें कामयाबी हासिल कर ली है वो अपने मित्र व पड़ोसी देशों की मदद कर रहे हैं। इस क्रम में जापान ने वियतनाम को वैक्सीन की खेप देने की योजना बनाई है।
काठमांडू, रॉयटर्स। जापान (Japan) की ओर से बुधवार को कोरोना वैक्सीन की खेप वियतनाम (Vietnam) भेजी जाएगी। यह जानकारी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी ( Foreign Minister Toshimitsu Motegi) ने मंगलवार को दी। 98 मिलियन की आबादी वाले वियतनाम में महामारी की शुरुआत से अब तक संक्रमितों का कुल आंकड़ा 10,241 है और मात्र 58 मौतें हुई हैं। जापान से बुधवार को भेजी गई एस्ट्राजेनेका ( AstraZeneca) वैक्सीन की खेप वियतनाम पहुंचेगी। वियतनाम, ताइवान के अलावा इंडोनेशिया व मलेशिया को भी जापान की ओर से जुलाई में वैक्सीन की खेप दी जाएगी।
बता दें कि पिछले सप्ताह जापान से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 12.4 लाख खुराक लेकर एक विमान ताइवान भेजा गया था। ताइवान में कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से सबसे बुरे हालात का सामना करने के लिए जापान की ओर से यह मदद भेजी गई। स्वशासी द्वीपसमूह ताइवान अपने खुद की वैक्सीन के लिए संघर्षरत है और इस बाबत एक सौदे में हस्तक्षेप करने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। लेकिन अब जापान की मदद से ताइवान ने अपनी टीका आपूर्ति को दोगुना किया है।
वहीं श्रीलंका की ओर से भी जापान के पास मदद की अपील आई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के 600,000 खुराक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। फिलहाल श्रीलंका में चीन के सिनोफार्म और रूस के स्पूतनिक वी वैक्सीन दिए जा रहे हैं।
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के अनुसार मंगलवार सुबह तक वैश्विक संक्रमण का आंकड़ा 176,195,220 हो गया और कुल मृतकों की संख्या 3,808,883 हो गई। महामारी की पहली लहर से लेकर अब तक दुनिया भर में सबसे बदतर हाल अमेरिका का रहा है। अभी तक यहां के कुल संक्रमितों का आंकड़ा 33,473,180 हो गया और 599,928 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।वर्ष 2019 के अंत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला चीन के वुहान में आया था जिसके बाद दो-तीन माह के भीतर ही यह पूरी दुनिया में महामारी के रूप में फैल गया। 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया था।