चीनी विदेश मंत्रालय ने वुहान लैब के लिए मांगा नोबेल, कहा- जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर मिले सम्मान

वैश्विक महामारी कोविड-19 के जन्म का कारण माने जा रहे विवादास्पद वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (डब्ल्यूआइवी) को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की चीनी विदेश मंत्रालय की मांग का समर्थन करने पर चीन की सरकारी मीडिया को चौतरफा हमले का सामना करना पड़ा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:46 PM (IST)
चीनी विदेश मंत्रालय ने वुहान लैब के लिए मांगा नोबेल, कहा-  जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर मिले सम्मान
चीन ने वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (डब्ल्यूआइवी) को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार देने की मांग की है।

बीजिंग, एएनआइ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के जन्म का कारण माने जा रहे विवादास्पद वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (डब्ल्यूआइवी) को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की चीनी विदेश मंत्रालय की मांग का समर्थन करने पर चीन की सरकारी मीडिया को चौतरफा हमले का सामना करना पड़ा है।

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाए 

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने कहा कि इंस्टीट्यूट में काम करने वाले चीनी वैज्ञानिकों सबसे पहले नोवल कोरोना वायरस का जीन सीक्वेंस खोज लेने पर उन पर दोषारोपण करने के बजाय उनको मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।

बैट वुमेन ने कही थी यह बात 

पिछले हफ्ते चीन की वायरोलाजिस्ट और 'बैट वुमेन' के नाम से कुख्यात शी झेंगली ने न्यूयार्क टाइम्स के एक इंटरव्यू में बड़े गुस्से में आकर इस बात से साफ इन्कार कर दिया उनकी लैब से कोरोना के वायरस लीक हुए हैं। उन्होंने एक टेक्सट मैसेज में कहा कि मुझे नहीं पता दुनिया इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंची? एक निर्दोष विज्ञानी पर कींचड़ उछाला जा रहा है।

कोरोना हमने नहीं बनाया 

शी की इस प्रतिक्रिया पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने कहा कि वुहान के चीनी वैज्ञानिकों को नोवल कोरोना वायरस के जीन सीक्वेंस की खोज के लिए चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना वायरस का स्रोत वुहान है। साथ ही ना ही यह दावा किया जा सकता है कि इस वायरस का निर्माण चीनी विज्ञानियों ने किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कही यह बात

ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि अगर उच्च गुणवत्ता के वायरस सीक्वेंस पर दोषारोपण हो सकता है तो एचआइवी की खोज करने वाले लुक एंटोनी मोंटगिनियर को भी वैश्विक एड्स महामारी का जिम्मेदार मानना चाहिए। उन्हें भी चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए था।

यह कोई खराब चुटकुला

इस बयान पर फाक्स न्यूज के जिम गेरहट ने कहा कि चीनी सरकार वुहान इंस्टीट्यूट को लेकर महामारी की स्थिति बयान कर रही है। हाट एयर के जैज शॉ ने कहा कि पहली बार खबर पढ़ कर लगा कि यह कोई खराब चुटकुला है।

वायरस का जन्म वुहान की लैब में हुआ

उन्होंने अखबार में लिखा कि वायरस का जन्म वुहान की लैब में हुआ यह बात इतनी स्वाभाविक है कि इसे एनआइएच, डब्ल्यूएचओ और अमेरिकी विज्ञानी डॉ. फासी ने भी मान लिया है। कम से कम इस बात की जांच तो होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी चमगादड़ में ऐसा एक भी वायरस नहीं मिला है, इसलिए चीन की इस दलील को बस मजाक ही समझा जा सकता है।

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