गुमशुदगी के एक साल भर बाद चीन में प्रस्तुति देंगी उइगर संगीतकार सानुबर तुर्सुन

चीन की एक मशहूर उइगर संगीतकार शंघाई में आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रस्तुति देगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 28 Oct 2019 10:58 PM (IST) Updated:Mon, 28 Oct 2019 11:21 PM (IST)
गुमशुदगी के एक साल भर बाद चीन में प्रस्तुति देंगी उइगर संगीतकार सानुबर तुर्सुन
गुमशुदगी के एक साल भर बाद चीन में प्रस्तुति देंगी उइगर संगीतकार सानुबर तुर्सुन

बीजिंग, एएफपी। चीन की एक मशहूर उइगर संगीतकार शंघाई में आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रस्तुति देगी। एक साल पहले सूचना आई थी कि वह चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित जिनजियांग के एक शिविर से अचानक लापता हो गई थी।

शंघाई कंजर्वेटरी ऑफ म्यूजिक की तरफ से चार नवंबर को आयोजित होने वाले समारोह में गायक व गीतकार सानुबर तुर्सुन प्रस्तुति देंगी। तुर्सुन करीब एक साल बाद सार्वजनिक प्रस्तुति देने जा रही हैं। इससे पहले खबर आई थी कि वह शिनजियांग स्थित उइगर व अन्य (जिनमें ज्यादातर मुसलमान हैं) के नजरबंदी शिविर से लापता हो गई थीं। इस शिविर में 10 लाख लोग बंद बताए जाते हैं। चीन पूर्व में इस शिविर के अस्तित्व से ही इन्कार करता रहा था, लेकिन अब उसे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र का नाम देता है और उग्रवाद व आतंकवाद पर रोक के लिए जरूरी बताता है।

वी चैट सोशल मीडिया पर शंघाई कंजर्वेटरी ने लिखा, 'तुर्सुन न सिर्फ स्थानीय, बल्कि विश्व स्तर पर सबसे प्रसिद्ध उइगर महिला गायिका हैं।'

शिंजियांग प्रांत में की गई बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी 

चीन ने धार्मिक चरमपंथ और आतंकवाद को दबाने के नाम पर शिंजियांग प्रांत को कैदखाने में तब्दील कर दिया है। स्थानीय अभियोजक दफ्तर के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में यहां बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया। चीन में गिरफ्तार हर पांचवां व्यक्ति शिंजियांग प्रांत का रहने वाला था। जबकि, चीन की आबादी में यहां का हिस्सा सिर्फ दो फीसद है।

मुस्लिमों खासकर उइगर मुसलमानों वाले शिंजियांग प्रांत में हाल के वर्षो में धार्मिक चरमपंथ और आतंकवाद को दबाने के लिए चीन ने सख्त कदम उठाए हैं। इसको लेकर दुनिया भर में चीन की निंदा भी होती है। लेकिन चीन अपनी नीति को सही ठहराता है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के चीनी शोधकर्ता पैट्रिक पून का कहना है कि सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तारियों में वृद्धि से साफ है कि उइगर और अन्य मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए न्यायिक व्यवस्था को भी हथियार बनाया गया।

chat bot
आपका साथी