चीन के प्रभाव में कोलंबो बंदरगाह हो सकता है टैक्स चोरों का स्वर्ग, अमेरिकी राजदूत ने किया आगाह

चीन ऋण देने के नाम पर कमजोर देशों की स्वायत्तता पर नियंत्रण की रणनीति पर चल रहा है। अमेरिका की श्रीलंका और मालदीव में राजदूत अलैना बी टेप्लिट्ज ने कहा है कि चीन की योजना कोलंबो बंदरगाह को टैक्स चोरों का स्वर्ग बनाने की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 06:21 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 06:21 PM (IST)
चीन के प्रभाव में कोलंबो बंदरगाह हो सकता है टैक्स चोरों का स्वर्ग, अमेरिकी राजदूत ने किया आगाह
चीन की योजना कोलंबो बंदरगाह को टैक्स चोरों का स्वर्ग बनाने की है।

कोलंबो, एएनआइ। चीन ऋण देने के नाम पर कमजोर देशों की स्वायत्तता पर नियंत्रण की रणनीति पर चल रहा है। अमेरिका की श्रीलंका और मालदीव में राजदूत अलैना बी टेप्लिट्ज ने कहा है कि चीन की योजना कोलंबो बंदरगाह को टैक्स चोरों का स्वर्ग बनाने की है। अमेरिका राजदूत ने आगाह किया है कि वह कोलंबो बंदरगाह के संबंध में कोई भी कानून बनाने से पहले विचार करे तभी उसे लागू करे। उन्होंने कहा है कि कोलंबो बंदरगाह मनी लॉड्रिंग का बहुत बड़ा केंद्र हो सकता है।

हाल ही में श्रीलंका ने कोलंबो पोर्ट सिटी के बारे में एक कानूनी मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे के माध्यम से टैक्स चोर फायदा उठा सकते हैं। अमेरिकी राजदूत ने कहा है कि ऐसा कोई भी निर्णय जो आर्थिक स्थितियों पर प्रभाव डाल सकता है, उसके संबंध में सोच-विचार कर कानून बनाना चाहिए। श्रीलंका को इस संबंध में सतर्क रहना होगा।

इधर पूर्वी अफ्रीका के देश जिबूती के संबंध में अध्ययन किए जाने से ड्रैगन के इरादे पूरी तरह साफ हो जाते हैं । कैथोलिक यूनिवर्सिटी, लिली की एक विशेषज्ञ सोनिया ली गौरीलेक ने कहा है कि चीनी निवेश और ऋण को स्वीकार करने के बाद पूर्वी अफ्रीका का देश जिबूती अपने आप को ऐसी ही आर्थिक निर्भरता का शिकार हो गया है, जहां वह अपनी स्वायत्तता को खतरा महसूस करने लगा है। जिबूती को एक तरह से लाल सागर का प्रवेश द्वार माना गया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार चीन की रणनीति सभी छोटे देशों के लिए इसी तरह की बनी हुई है।

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