कोरोना संकट के बीच चीनी परमाणु संयंत्र में लीकेज की रिपोर्टों के बाद अमेरिका हुआ अलर्ट, अध्‍ययन में जुटा

समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में लीकेज की जानकारी मिली है। इस परमाणु संयंत्र के निर्माण में हिस्‍सेदार फ्रांस की बिजली कंपनी ईडीएफ (ईडीएफ.पीए) ने कहा कि उसे चीन में अपने परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर अक्रिय गैसों के बनने की सूचना मिली थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 04:11 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 04:11 PM (IST)
कोरोना संकट के बीच चीनी परमाणु संयंत्र में लीकेज की रिपोर्टों के बाद अमेरिका हुआ अलर्ट, अध्‍ययन में जुटा
हान से दुनियाभर में कोरोना महामारी के बाद अब चीन में एक और बड़ा संकट सामने आ रहा है।

बीजिंग, रॉयटर। वुहान से दुनियाभर में कोरोना महामारी फैलने के बाद अब चीन में एक और बड़ा संकट सामने आ रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में लीकेज की जानकारी मिली है। इस परमाणु संयंत्र के निर्माण में चीनी कंपनी जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप (सीजीएन) के साथ हिस्‍सेदार फ्रांस की बिजली कंपनी ईडीएफ (ईडीएफ.पीए) ने सोमवार को कहा कि उसे चीन में अपने परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर अक्रिय गैसों के बनने की सूचना मिली थी। इस लीकेज के बाद उसने संयंत्र पर डेटा की समीक्षा के लिए अपने चीनी साझेदार के साथ बैठक बुलाई थी।

अब अमेरिकी सरकार बीते एक हफ्ते से चीन के परमाणु संयंत्र में लीकेज की रिपोर्ट का अध्ययन करने में जुटी हुई है। मीडिया समूह सीएनएन ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी सरकार ने बीता एक हफ्ता ईडीएफ और चीन जनरल न्यूक्लियर पॉवर ग्रुप (सीजीएन) के संयुक्त उपक्रम द्वारा संचालित ग्वांगडोंग प्रांत में ताइशन बिजली संयंत्र में रिसाव की रिपोर्ट का आकलन करने में बिताया। रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस की बिजली कंपनी ईडीएफ ने लीकेज के कारण संभावित रेडियोलॉजिकल खतरे को लेकर चेतावनी दी थी।

वहीं चीन की सरकारी कंपनी जनरल न्यूक्लियर पॉवर ग्रुप (सीजीएन) का दावा है कि परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर संचालन सुरक्षा नियमों को पूरा करता है और आसपास का वातावरण सुरक्षित है। नियमित निगरानी डेटा से साफ है कि‍ ताइशन पॉवर स्टेशन और उसके आसपास का वातावरण सामान्य मानकों को पूरा करता है। बता दें कि‍ चीन ने फ्रांस की कंपनी ईडीएफ (ईडीएफ.पीए) के साथ साल 2009 में ताइशन प्लांट का निर्माण शुरू किया था। साल 2018 और 2019 में यहां बिजली उत्पादन शुरू हुआ था।

देखा जाए तो भले ही स्थिति खतरनाक नहीं हो लेकिन यह वाकया चिंताजनक है क्‍योंकि एक परमणु संयंत्र को बनाने वाली दो कंपनियों के अलग अलग दावे देखे जा रहे हैं। यही वजह है कि‍ अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने पिछले इस मसले पर लगातार बैठकें की है। उल्‍लेखनीय है कि‍ हाल के वर्षों में चीन ने अपने परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाया है। देश में पैदा हो रही बिजली में पांच फीसदी हिस्सेदारी परमाणु ऊर्जा की है। मौजूदा वक्‍त में चीन में कई न्यूक्लियर प्लांट काम कर रहे हैं।

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