TikTok Video App: हांगकांग के मार्केट से बोरिया-बिस्तर समेटने में जुटा टिक टॉक

टिक टॉक (TikTok) ने सोमवार को हांगकांग के मार्केट से बाहर निकलने के संकेत दे दिए। सोमवार को देर शाम एक प्रवक्ता ने यह जानकारी रॉयटर्स को दी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 08:49 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 08:49 AM (IST)
TikTok Video App: हांगकांग  के मार्केट से बोरिया-बिस्तर समेटने में जुटा टिक टॉक
TikTok Video App: हांगकांग के मार्केट से बोरिया-बिस्तर समेटने में जुटा टिक टॉक

बीजिंग, रॉयटर्स। टिक टॉक (TikTok) ने सोमवार को हांगकांग के मार्केट से बाहर निकलने के संकेत दे दिए। सोमवार को देर शाम एक प्रवक्ता ने यह जानकारी रॉयटर्स को दी। फेसबुक समेत अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियां भी क्षेत्र में अपना काम सस्पेंड कर रहीं हैं। दरअसल, यहां की सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर यह फैसला लिया गया है।  मार्केट के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के बारे में सवाल किए जाने पर टिक टॉक के प्रवक्ता ने कहा, 'हाल की घटनाओं के कारण उत्पन्न हालात के मद्देनजर  हमने हांगकांग में टिक टॉक एप के ऑपरेशन को बंद करने का फैसला लिया है।' 

हांगकांग में चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

चीनी मूल के बाइट डांस ( ByteDance) के वीडियो एप  टिक टॉक ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून आने के बाद यहां अपना काम समेटने का फैसला किया है। यह कंपनी अब वॉल्ट डिज्नी के  पूर्व कोएक्जीक्यूटीव केविन मेयर  (Walt Disney Co executive Kevin Mayer) द्वारा संचालित की जाती है। उन्होंने बताया है कि टिक टॉक  एप के यूजर का डाटा को चीन में स्टोर नहीं किया गया था। भारतीय यूजर्स का डाटा सिंगापुर के सर्वर पर है। 

चीन में  नहीं हुआ है लांच 

हाल में ही भारत सरकार ने चीन की 59 एप पर बैन लगा दिया जिसमें से एक टिक टॉक भी है। हैरत की बात है कि इसका इस्तेमाल चीन में नहीं किया जाता क्योंकि यहां इस एप को लांच ही नहीं किया गया। चीनी एप पर भारत की ओर से की गई बड़ी कार्रवाई पर कंपनी ने बीजिंग से दूरी बना ली है। साथ यह सफाई दे रहा है कि चीन की सरकार न तो एप पर स्टोर किए गए डाटा मांग रही है और यदि मांगती भी है तो कंपनी इस बात की अनुमति नहीं देगी। 

टिक टॉक की शामत 

भारत द्वारा एप को बंद किए जाने के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी इसे प्रतिबंधित करने के मूड में दिख रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि टिक टॉक को लेकर वे गंभीर हैं और इसे प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहे हैं।  ऑस्‍ट्रेलिया में भी इसपर प्रतिबंध लगाने की डिमांड की जा रही है। केवल भारत में प्रतिबंध लगने से चीन की इस कंपनी को 6 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। 

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