चीन के दबाव में हांगकांग छोड़ रहा ताइवानी स्टाफ, बीजिंग की नीति को मानने से किया इन्कार

चीन शासित हांगकांग के प्रतिनिधि दफ्तरों में ताइवानी कर्मचारियों ने हांगकांग का आफिस रविवार से छोड़ना शुरू कर दिया है। इन कर्मचारियों पर चीनी सरकार की ओर से एक ऐसे दस्तावेज पर दस्तखत करने का दबाव डाला जा रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:45 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:45 PM (IST)
चीन के दबाव में हांगकांग छोड़ रहा ताइवानी स्टाफ, बीजिंग की नीति को मानने से किया इन्कार
चीन शासित हांगकांग के प्रतिनिधि दफ्तरों में ताइवानी कर्मचारियों ने हांगकांग का आफिस रविवार से छोड़ना शुरू कर दिया है।

ताइपे, रायटर। चीन शासित हांगकांग के प्रतिनिधि दफ्तरों में ताइवानी कर्मचारियों ने हांगकांग का आफिस रविवार से छोड़ना शुरू कर दिया है। दरअसल, इन कर्मचारियों पर चीनी सरकार की ओर से एक ऐसे दस्तावेज पर दस्तखत करने का दबाव डाला जा रहा है। साथ ही उन्होंने चीन के ताइवान पर दावे का भी समर्थन करने को कहा गया है। ताइवान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार की दोपहर को सात अधिकारी द्वीप पर लौट आए हैं।

ताइपे और बीजिंग के बीच की तनातनी में आजादी पसंद हांगकांग के लोग खुलकर ताइवान का साथ देने लगे हैं। खासकर तब से जब से ताइवान ने उस पर थोपे गए चीन के एक शहरी कानून को मानने से इन्कार किया है जो पहले से ही हांगकांग पर थोपा जा चुका है। साथ ही ताइवान ने हांगकांग के लोगों को उसके द्वीप में आकर बसने का आमंत्रण दिया है।

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार हांगकांग सरकार पर 'एक चीन' की प्रतिबद्धता को स्वीकार करने के लिए दस्तावेजों पर दस्तखत करवा चुकी है। ताइवान के सत्तारूढ़ दल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उप महासचिव लिन फी फैन ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि केवल स्थानीय स्टाफ ही दफ्तर में रुकेगा। लिन ने कहा कि ताइवान कभी भी 'एक चीन' की नीति या 'एक देश और दो प्रणालियों' की नीति को नहीं स्वीकार करेगा।

दरअसल चीन ताइवान पर काबिज होने के लिए हर तरह की कवायद कर रहा है। बीते गुरुवार को चीन के लड़ाकू विमानों ने फिर ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। इस महीने छठी बार चीनी लड़ाकू विमानों ने इस स्वायत्त क्षेत्र में घुसपैठ की है। चीन इस क्षेत्र को अपना मानता है और इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है। घुसपैठ की सूचना मिलते ही ताइवान के लड़ाकू विमानों को रवाना किया गया जिसके बाद चीनी विमान लौट गए थे।

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