म्यांमार में बड़ी संख्या में हुए अंतिम संस्कार, इनमें शामिल होने वालों पर सेना ने की फायरिंग, फेंके ग्रेनेड

पूरे म्यांमार में जहां तहां रविवार को बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। ये शव लोकतंत्र के समर्थक प्रदर्शनकारियों और सेना के शासन का विरोध कर रहे लोगों के थे जो शनिवार से अब तक हुई हिंसक झड़पों में मारे गए लोगों के थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 06:15 PM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 11:25 PM (IST)
म्यांमार में बड़ी संख्या में हुए अंतिम संस्कार, इनमें शामिल होने वालों पर सेना ने की फायरिंग, फेंके ग्रेनेड
पूरे म्यांमार में जहां तहां रविवार को बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

नेपीतॉ, एजेंसियां। म्यांमार में सेना द्वारा चलाया जा रहा दमनचक्र रूकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे म्यांमार में रविवार को बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार को 114 लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को मौत के घाट उतारने के बाद रविवार को इनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों पर फायरिंग भी की गई। फिलहाल अभी तक जनहानि की कोई जानकारी नहीं मिली है। 

कई शहरों में प्रदर्शन 

उधर सेना द्वारा की गई कार्रवाई के बाद भी आंदोलनकारियों का हौसला कम होता नहीं दिख रहा है। यंगून और मांडले सहित देश के दूसरे शहरों में रविवार को भी सेना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए। यही नहीं प्रदर्शनकारियों पर सेना की गोलीबारी भी देखी गई। रिपोर्टों के मुताबिक यांगून, मीकिटीला, मोनीवा और मंडाले सहित कई शहरों में अंतिम संस्कार से पहले लोकतंत्र के समर्थक प्रदर्शनकारियों की शव यात्राएं निकाली गईं। 

अब तक 423 लोगों की मौत 

बताया जाता है कि पहली फरवरी को तख्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शनों के दमन के लिए हुई हिंसा में अब तक 423 लोग मारे गए हैं। अकेले शनिवार को ही 114 लोगों की मौत हो गई। शनिवार को हुई हिंसा की म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे सामूहिक हत्या करार दिया है। साथ ही वैश्विक बिरादरी से जुंटा से सारे संबंध खत्म करने का आह्वान किया है। 

हिंसा की दुनिया ने निंदा की 

अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन ने भी हिंसा की निंदा की है। जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर सेना द्वारा की जा रही हत्याओं को सहन नहीं करेंगे। शनिवार को सेना द्वारा की गई कार्रवाई में 10 से 16 वर्ष के छह बच्चे भी मारे गए। एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद से अब तक सेना द्वारा की गई कार्रवाई में 440 लोग मारे जा चुके हैं। उधर, म्यांमार के हथियार बंद जातीय समूह पर सेना द्वारा किए गए हमले के बाद तीन हजार से अधिक लोग थाइलैंड भाग गए हैं।

सैन्य अध्यक्षों ने भी की निंदा

अमेरिका सहित सहयोगी देशों के सैन्य अध्यक्षों ने म्यांमार की हिंसा के खिलाफ संयुक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी देश की सेना अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करती है। उसकी जिम्मेदारी लोगों की रक्षा करना है ना कि उसे नुकसान पहुंचाना। हम म्यांमार के सशस्त्र बलों से आग्रह करते हैं कि वे हिंसा को रोकें और म्यांमार के लोगों के साथ विश्वास बहाली के लिए काम करें।

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