चिनफिंग बोले- बीआरआइ के लिए जटिल हो रहा अंतरराष्ट्रीय माहौल, अवसर हाथ से न जाने दें अधिकारी

चिनफिंग ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे रणनीतिक अवसरों को हाथ से न जाने दें। बीआरआइ परियोजना से जुड़े अधिकारी दृढ़ संकल्पित रहें और हर चुनौती का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 08:57 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 08:57 PM (IST)
चिनफिंग बोले- बीआरआइ के लिए जटिल हो रहा अंतरराष्ट्रीय माहौल, अवसर हाथ से न जाने दें अधिकारी
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग । (फाइल फोटो)

बीजिंग, प्रेट्र। चीन को समझ आने लगा है कि विकास के नाम पर दूसरे देशों को कर्ज दो और वहां अपना आधिपत्य जमाओ की रणनीति सफल नहीं हो सकती। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के तहत निर्माण परियोजनाओं के लिए वैश्विक माहौल तेजी से जटिल होता जा रहा है।

चिनफिंग ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे रणनीतिक अवसरों को हाथ से न जाने दें। बीआरआइ परियोजना से जुड़े अधिकारी दृढ़ संकल्पित रहें और हर चुनौती का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें। उन्होंने कहा कि इस पहल का लक्ष्य उच्च-मानक, टिकाऊ व जन-केंद्रित प्रगति होना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर जाने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भी इसी विवादास्पद पहल का हिस्सा है।

छोटे देशों पर बढ़ते कर्ज ने वैश्विक चिंताएं बढ़ाई

बीआरआइ समझौतों में पारदर्शिता की कमी और छोटे देशों पर बढ़ते कर्ज ने वैश्विक चिंताएं बढ़ा दी हैं। श्रीलंका में चीन को हंबनटोटा बंदरगाह के 99 साल के पट्टे ने बीआरआइ के नकारात्मक पहलू और छोटे देशों में अरबों डालर की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बीजिंग के दबाव को लेकर चेताया है।

चिंता की असली वजह अमेरिका की 'बी3डब्ल्यू'

बीआरआइ की अमेरिका की बिल्ड बैक बेटर व‌र्ल्ड (बी3डब्ल्यू) योजना से प्रतिस्पर्धा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जून में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान बी3डब्ल्यू पहल की शुरुआत की थी। इस परियोजना का लक्ष्य विकासशील देशों में वित्त परियोजनाओं में मदद करना और बुनियादी ढांचा विकसित करने को साझेदारी बनाना है। इस पहल की शुरुआत के बाद पहली बार शी ने बीआरआइ के बारे में बात की है। हालांकि चीन ने दोनों के बीच किसी भी प्रतिस्पर्धा को यह कहते हुए तवज्जो नहीं दी कि बीआरआइ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक खुला मंच है।

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