तीन बच्चे पैदा करने की नीति भी फायदा नहीं पहुंचा रही चीन को, घटती जन्म दर सबसे बड़ी चिंता

चीन दिन प्रति दिन अपने बुने जाल में खुद फंसता जा रहा है। जनसंख्या वृद्धि में चीन अल्पसंख्यकों का सहयोग नहीं लेना चाहता खासतौर से शिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों का। 2018 में उइगर मुसलमानों की जन्म दर पूर्व की तुलना में एक तिहाई रह गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 02:47 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 02:47 AM (IST)
तीन बच्चे पैदा करने की नीति भी फायदा नहीं पहुंचा रही चीन को, घटती जन्म दर सबसे बड़ी चिंता
चीन में जन्म दर लगातार नीचे जा रही, पहले एक, फिर दो, अब तीन।

बीजिंग, एएनआइ। चीन सरकार ने देश में युवाओं की कम होती आबादी के मद्देनजर दंपतियों को तीन बच्चे तक पैदा करने की छूट दे दी है, लेकिन उसका खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा। युवाओं की सोच में बदलाव न होने के चलते उसकी कई नीतियों की तरह यह नीति भी पटरी से उतरती नजर आ रही है।

चीन ने देश में एक दंपती-एक बच्चा नीति तब लागू की थी जब उसकी आबादी ज्यादा थी

अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट अखबार के मुताबिक चीन ने देश में एक दंपती- एक बच्चा नीति तब लागू की थी जब उसकी आबादी ज्यादा थी और प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से वह बहुत गरीब देश था। ऐसा पेंशनरों और कामगारों की संख्या कम करने के लिए भी किया गया था जिससे सरकार पर देनदारी का बोझ कम रहे।

चीन में जन्म दर लगातार नीचे जा रही, पहले एक, फिर दो, अब तीन

विशेषज्ञों के मुताबिक जब चीन की वन चाइल्ड पॉलिसी भारी पड़ने लगी और उसके लंबे समय की विकास योजनाओं पर नकारात्मक असर पड़ने लगा, तब चीन ने 2016 में उसे खत्म किया और दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डेविड वॉन ड्रेल के अनुसार चीन में जन्म दर लगातार नीचे जा रही है। इसी के मद्देनजर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी ने मई में दो बच्चों की नीति को आगे बढ़ाते हुए दंपतियों को तीन बच्चे तक पैदा करने की अनुमति दे दी। ऐसा पिछले वर्ष बीते 50 साल में सबसे कम बच्चे पैदा होने के कारण करना पड़ा।

दक्षिण कोरिया की तुलना में चीन की प्रति व्यक्ति आय आधी भी नहीं

चीन ने विकास के क्षेत्र में काफी काम किया, लेकिन उसकी प्रति व्यक्ति आय अभी भी बहुत कम है। पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की तुलना में उसकी प्रति व्यक्ति आय आधी भी नहीं है।

जनसंख्या वृद्धि में चीन अल्पसंख्यकों का सहयोग नहीं लेना चाहता

सीएनएन में इस पर लिखे लेख में बेन वेस्कॉट ने कहा है कि जनसंख्या वृद्धि में चीन अल्पसंख्यकों का सहयोग नहीं लेना चाहता, खासतौर से शिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों का। वह उनकी जन्म दर कम करने के प्रयास में वर्षो से लगा हुआ है। इसी का नतीजा हुआ है कि 2018 में उइगर मुसलमानों की जन्म दर पूर्व की तुलना में एक तिहाई रह गई। ऐसे में चीन दिन प्रति दिन अपने बुने जाल में खुद फंसता जा रहा है। 

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