Philippines vs China: दक्षिण चीन सागर में चीन की किरकिरी, ताइवान के बाद फ‍िलीपींस ने ड्रैगन को ललकारा, जानें पूरा मामला

Philippines vs China चीन को ताइवान के बाद अब फिलीपींस ने भी आंखें दिखाना शुरू कर दिया है। उसने दक्षिण चीन सागर में उन्हीं विवादित द्वीपों के निकट सैन्य अभ्यास शुरू किया है जिन पर चीन अपना दावा करता रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 03:32 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 03:53 PM (IST)
Philippines vs China: दक्षिण चीन सागर में चीन की किरकिरी, ताइवान के बाद फ‍िलीपींस ने ड्रैगन को ललकारा, जानें पूरा मामला
दक्षिण चीन सागर में चीन की किरकिरी, ताइवान के बाद फ‍िलीपींस ने ड्रैगन को दिखाई आंख। फाइल फोटो।

मनीला, एजेंसी। Philippines begins military exercises near disputed islands : चीन को ताइवान के बाद अब फिलीपींस ने भी आंखें दिखाना शुरू कर दिया है। उसने दक्षिण चीन सागर में उन्हीं विवादित द्वीपों के निकट सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिन पर चीन अपना दावा करता रहा है। ताइवान के बाद फ‍िलीपींस के इस कदम से चीन पूरी तरह से तिलिमिला गया है। यह अब यह देखना द‍िलचस्‍प होगा कि चीन किस तरह से फ‍िलीपींस के सैन्‍य अभ्‍यास का जवाब देता है।

सैन्‍य अभ्‍यास बाजो डी मासिनलोक और पैग आसा द्वीप के निकट

फिलीपींस कोस्ट गार्ड (पीसीजी), ब्यूरो ऑफ फिशरीज व इससे जुड़े संगठनों का समुद्री सैन्य अभ्यास शुरू हो गया है। एक बयान में पीसीजी ने कहा कि अभ्यास के लिए यहां आठ जहाज तैनात कर दिए गए हैं। मुख्य रूप से यह सैन्य अभ्यास बाजो डी मासिनलोक और पैग आसा द्वीप के निकट हो रहा है। इन द्वीपों को लेकर चीन का फिलीपींस के साथ विवाद बना हुआ है। यहां पिछले दिनों चीन की पनडुब्बियों ने घुसपैठ की थी। विदेश विभाग ने चीन की उपस्थिति का कड़ा विरोध किया था।

दक्षिण चीन सागर में चीन के युद्धपोतों पर ताइवान ने जताया ऐतराज 

उधर, ताइवान ने कहा है कि चीन के तीन युद्धपोत उतरने के बाद दक्षिण चीन सागर में स्थितियां ज्यादा तनावपूर्ण हो सकती हैं। ताइवान ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से सभी पड़ोसी देशों से उसका तनाव बढ़ेगा। विशेषतौर पर पिछले दिनों तीन युद्धपोत उतारने के बाद इन स्थितियों में तेजी से बदलाव हुआ है। इनमें एक परमाणु ऊर्जा से संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी भी है। ताइवान के नेशनल सिक्योरिटी ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल चेन मिंग तुंग ने कहा है कि वे चीन के युद्धपोतों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीन के इस कदम से साफ है कि वह दक्षिण चीन सागर में अपने पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ाना चाहता है।

नाइन डैश लाइन पर रार

फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया, ताइवान और वियतनाम कई दशकों से दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में यह तनाव काफी बढ़ गया है। चीन उस क्षेत्र पर बार-बार दावा करता है, जो  नाइन डैश लाइन कहा जाता है। चीन ने अपने दावे के समर्थन में वहां द्वीपों का निर्माण किया है और वहां गश्त भी करता रहता है। चीन ने वहां अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार किया है। इन देशों ने चीन पर आरोप लगाया कि ये इस इलाके में सैन्य मौजूदगी बढ़ाना चीन की उकसाने वाली कार्रवाई है।

कुदरती खजाने से भरपूर है यह इलाका

सवाल यह है कि इस इलाके में चीन की दिलचस्‍पी का कारण क्‍या है। दरअसल, इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला समुद्र का यह हिस्‍सा करीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह पूरा क्षेत्र कुदरती खजाने से भरपूर है। इस इलाके में समुद्री जीवों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। इसलिए चीन की इस इलाके पर नजर है। चीन ने यहां पहले एक बंदरगाह बनाया, फिर हवाई जहाजों के उतरने के लिए हवाई पट्टी बनाई। अब तो चीन ने दक्षिणी चीन सागर में एक आर्टिफ‍िशियल द्वीप तैयार करके उस पर सैनिक अड्डा बना लिया है।

क्‍या है अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल का फैसला

हालांकि, वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल ने चीन के खिलाफ फैसला दिया था। इस ट्राइब्यूनल ने कहा था कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि चीन का इस इलाके पर ऐतिहासिक रूप से कोई अधिकार रहा है, लेकिन चीन ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।

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