म्यांमार में बवाल जारी, प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने चलाई गोलियां, किया लाठीचार्ज

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और फायरिंग की। देश में गत एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। लोग सू की समेत दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 06:34 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 06:34 PM (IST)
म्यांमार में बवाल जारी, प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने चलाई गोलियां, किया लाठीचार्ज
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और फायरिंग की।

यंगून, एजेंसियां। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ शुक्रवार को सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फिर बल किया। देश के दो बड़े शहरों में भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवा में फायरिंग की। इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में गत एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। वे सैन्य शासन खत्म करने के अलावा अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की समेत दूसरे नेताओं को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।

हवा में चलाई गोलियां

म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में शुक्रवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और नारेबाजी की। इस दौरान दंगा रोधी पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए हवा में गोलियां चलाई। भीड़ पर रबर की गोलियां चलाने की भी खबर है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि एक व्यक्ति घायल हुआ है। जबकि कुछ चश्मदीदों ने कहा कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। इधर, देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में भी प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया गया।

कई बार हो चुकी है फायरिंग की घटनाएं

म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर पुलिस कई बार फायरिंग कर चुकी है। इसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। जबकि यंगून में गुरुवार को तख्तापलट का विरोध कर रहे लोगों को सैन्य समर्थकों ने निशाना बनाया था। सैन्य समर्थकों ने गुलेल, लोहे की रॉड और चाकुओं से धावा बोला था। इनके हमले में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। इस दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी।

हिरासत में लिया गया जापानी पत्रकार

यंगून में विरोध प्रदर्शन के दौरान युकी किताजुमी नामक जापानी पत्रकार को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि उनको कुछ देर बाद ही छोड़ दिया गया। वह यंगून में एक मीडिया प्रोडक्शन कंपनी चलाते हैं। 

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