नेटवर्किंग प्लेटफार्म लिंक्डइन ने चीन में सेवा बंद की, 'चुनौतीपूर्ण' वातावरण का दिया हवाला

सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन ने गुरुवार को कहा कि वह चीन में इस साल के अंत में अपनी पेशेवर नेटवर्किंग सेवा को बंद कर रहा है। इसके लिए अधिक चुनौतीपूर्ण ऑपरेटिंग वातावरण और अधिक स्वीकृत आवश्यकताओं का हवाला दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 09:02 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 10:29 PM (IST)
नेटवर्किंग प्लेटफार्म लिंक्डइन ने चीन में सेवा बंद की, 'चुनौतीपूर्ण' वातावरण का दिया हवाला
लिंक्डइन ने कहा कि वह चीन में इस साल के अंत में पेशेवर नेटवर्किंग सेवा को बंद कर रहा है।

सिएटल, न्यूयार्क टाइम्स। प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफार्म लिंक्डइन ने गुरुवार को कहा कि वह चीन में इस साल के अंत में अपनी पेशेवर नेटवर्किंग सेवा को बंद कर रहा है। इसके लिए अधिक चुनौतीपूर्ण ऑपरेटिंग वातावरण और अधिक स्वीकृत आवश्यकताओं का हवाला दिया है।

नया ऐप पेश करेगी माइक्रोसाफ्ट

माइक्रोसाफ्ट के स्वामित्व वाली सेवा ने कहा कि वह पूरी तरह से चीन में नौकरी पोस्टिंग पर केंद्रित एक नया ऐप पेश करेगी। नए ऐप में सोशल नेटवर्किंग फीचर्स नहीं होंगे जैसे पोस्ट शेयर करना और कमेंट करना, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य जगहों पर लिंक्डइन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

लिंक्डइन लंबे समय से एकमात्र प्रमुख अमेरिकी सोशल नेटवर्क है, जो चीन में संचालित होता था। चीन में ट्विटर और फेसबुक को ब्लाक कर दिया गया है। लेकिन चीन में व्यापार करने के लिए लिंक्डइन ने अपने लाखों चीनी यूजर्स द्वारा चीनी कानूनों के अनुसार किए गए पोस्ट को सेंसर कर दिया। कुछ ऐसा करने में अन्य अमेरिकी कंपनियां अक्सर अनिच्छुक थीं या करने में असमर्थ थीं।

मार्च महीने में चीन के इंटरनेट नियामक ने राजनीतिक सामग्री को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए लिंक्डइन को फटकार लगाई थी, उस समय तीन लोगों ने इस मामले पर जानकारी दी। अधिकारियों को स्व मूल्यांकन करने और चीन के इंटरनेट नियामक के साइबरस्पेस प्रशासन को एक रिपोर्ट पेश करने के लिए लिंक्डइन की आवश्यकता थी। सेवा को 30 दिनों के लिए चीन में जुड़े नए यूजर्स को निलंबित करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा।

लिंक्डइन के करीब 50 करोड़ यूजर्स का डाटा हुआ लीक

पिछले दिनों लिंक्डइन के करीब 50 करोड़ यूजर्स का डाटा लीक हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक लीक डाटा को आनलाइन बेचा जा रहा था। 50 करोड़ यूजर्स के डाटा को कथित रूप से स्क्रैप किए गए अर्काइव को एक लोकप्रिय हैकर फोरम पर बिक्री के लिए रखा गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस हैक के पीछे शामिल लोगों ने लीक हुए डाटा में 20 लाख रिकॉर्ड को नमूने के तौर पर पेश किया है।

इस डाटा में यूजर्स का नाम, ईमेल आईडी, पता, फोन नंबर और वर्कप्लेस जैसी कई निजी जानकारियां शामिल थीं। इस डाटा को 20 लाख की कीमत में बेचा गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस डाटा को हैकर ग्रुप आने वाले समय में अधिक कीमत में बेच सकते हैं। इसका मतलब है​ कि ये ग्रुप यूजर्स की निजी जानकारियों को बिटकॉइन के रूप में बेचेगा।

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