पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के पीछे हटने के मामले में भी चीन ने कन्नी काटी
एक प्रेस वार्ता में चीनी प्रवक्ता ने सेना के पीछे हटने की बात से कन्नी काटते हुए इस समस्या के समाधान के लिए राजनयिक और सैन्य वार्ता पर जोर दिया।
बीजिंग/नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में चीन ने सोमवार को भारत के साथ लगती अपनी सीमा से सैनिकों को पीछे हटना शुरू कर दिया है। चीनी सेना को गलवन घाटी में एक साइट पर टेंट और संरचनाओं को नष्ट करते हुए देखा गया था, जहां दोनों सेनाओं के बीच नवीनतम झड़प हुई थी। लेकिन इस मामले एक बार फिर चीन ने चुप्पी साध रखी है। एक प्रेस वार्ता में चीनी प्रवक्ता ने सेना के पीछे हटने की बात से कन्नी काटते हुए इस समस्या के समाधान के लिए राजनयिक और सैन्य वार्ता पर जोर दिया। हालांकि, भारत सरकार ने इसकी पुष्टि की थी।
चीनी प्रवक्ता ने दिया गोलमोल जवाब
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्त झाओ लिजियन से जब एक समाचार सम्मेलन में सवाल किया गया कि क्या गलवन घाटी से चीनी सेना ने अपने टेंट व निर्माण हटा लिए हैं ? क्या चीनी सेना पीछे हट गई है ? तब उनका जवाब साफ और स्पष्ट नहीं था। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पर स्थिति सामान्य करने के लिए प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। झाओ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश वार्ता के जरिए इस समस्या का समाधान करेंगे। इसके लिए दोनों देश ठोस उपाय करेंगे। उन्होंने कहा इस समस्या को राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सुलझाया जाएगा।
चीन ने अपने सैनिकों की हताहत होने की खबर पर साधी चुप्पी
बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवन में 15 जून को चीनी सैनिकों के हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। दोनों सेनाओं के बीच इस जंग में 43 चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की मौत पर चुप्पी साध रखी थी। हालांकि, उसने यह माना था कि गलवन में दोनों सेनाओं की बीच भीड़ंत हुई थी, लेकिन उसने अपने मृत सैनिकों की संख्या नहीं बताई। इसको लेकर चीनी सैनिकों के परिजनों में आक्रोश भी था। चीन ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की इस झड़प में उसके कितने सैनिक मारे गए। अब एक बार वह फिर गलवन घाटी से सेना के हटने की बात पर भी कन्नी काट रहा है।