भारतीय दूत ने चीन को दिखाया आईना, कहा- भारत कर रहा कोरोना के साथ सीमाओं पर आक्रामकता का सामना

भारतीय राजदूत विक्रम मिस्‍त्री ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी ओर अपनी सीमाओं पर आक्रामकता का सामना कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 15 Aug 2020 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 16 Aug 2020 04:38 AM (IST)
भारतीय दूत ने चीन को दिखाया आईना, कहा- भारत कर रहा कोरोना के साथ सीमाओं पर आक्रामकता का सामना
भारतीय दूत ने चीन को दिखाया आईना, कहा- भारत कर रहा कोरोना के साथ सीमाओं पर आक्रामकता का सामना

बीजिंग, पीटीआइ। भारतीय राजदूत विक्रम मिस्‍त्री ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चीन को दो टूक संदेश दिया। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत इस समय दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। भारत एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी ओर अपनी सीमाओं पर आक्रामकता का सामना कर रहा है। देश के लिए वर्ष 2020 काफी असामान्य है। बता दें कि लद्दाख सीमा पर चीन ने आक्रामक रवैया अपना रखा है। भारत इसका डटकर सामना कर रहा है।

मिस्री ने स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी बीजिंग स्थित इंडिया हाउस परिसर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने चीन में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की समस्याओं का जिक्र भी किया। कई भारतीय कोरोना महामारी और उड़ानों के रद होने के करण भारत में फंस गए हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संदेश पढ़ने के बाद मिस्री ने सीमाओं पर आक्रामकता के बारे में बात की।

उन्होंने कहा, 'जैसा कि आपने राष्ट्रपति के अभिभाषण में सुना कि 2020 बहुत असामान्य वर्ष रहा है। हमारे लिए भी, जो यहां चीन में हैं। हमें भारत में कोरोना के साथ ही अपनी सीमाओं पर आक्रामकता की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।' बता दें कि भारत के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि पड़ोसी देश ने चालाकी से अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को अंजाम देने का दुस्साहस किया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकतों को लेकर कड़ी चेतावनी दी। गलवन के बलिदानी सैनिकों का स्मरण करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सीमा पर अशांति पैदा करने की कोशिश की गई तो भारत इसका माकूल जवाब देने में सक्षम है। आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती कोरोना से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।

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