चीन में भारतीय कंपनियां यात्रा प्रतिबंधों को लेकर चिंतित, गतिविधियां हो रही हैं प्रभावित

भारतीय कंपनियों और उद्योगों के मुख्य अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंधों की वजह से उनकी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी के साथ बातचीत में इन अधिकारियों ने यह चिंता जताई।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 07:11 AM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 07:11 AM (IST)
चीन में भारतीय कंपनियां यात्रा प्रतिबंधों को लेकर चिंतित, गतिविधियां हो रही हैं प्रभावित
चीन में काम कर रही भारतीय कंपनियों के सीईओ ने विक्रम मिसरी के साथ बातचीत में चिंता जताई है।

बीजिंग, प्रेट्र। चीन में काम कर रही भारतीय कंपनियों और उद्योगों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने यहां कोरोना की वजह से लागू वीजा और यात्रा प्रतिबंधों के जारी रहने पर चिंता जताई है। इन अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंधों की वजह से उनकी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी के साथ बातचीत में इन अधिकारियों ने यह चिंता जताई।

मिसरी शंघाई की यात्रा पर हैं। उन्होंने भारत की आजादी के 75 साल होने के सिलसिले में आयोजित किए जा रहे अमृत महोत्सव का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने शंघाई के आसपास स्थित भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की। शंघाई चीन का कारोबारी केंद्र है। इस बैठक में आठ क्षेत्रों मसलन कपड़ा, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, रसायन और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मिसरी ने ट्वीट किया, शंघाई में भारतीय कारोबारी प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस बातचीत में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, मिसरी के साथ बैठक के दौरान सीईओ ने बताया कि चीन द्वारा कोरोना उपायों के तहत वीजा और यात्रा अंकुश जारी रखने से उन्हें परिचालन में दिक्कत आ रही है। सूत्रों ने बताया कि मिसरी ने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि भारतीय दूतावास यात्रा अंकुशों के मुद्दे पर चीन के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।

चीन ने पिछले साल नवंबर में यात्रा प्रतिबंध लगाया था। उसके बाद भारत और चीन के बीच यात्रा रुकी हुई है। इसके अलावा चीन ने भारतीय नागरिकों के वीजा और निवास परमिट निलंबित कर दिए थे। इन अंकुशों की वजह से 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी और सैकड़ों कारोबारी, कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य भारत में ही रह रहे हैं।                                                  

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