चीन में मीडिया की कम गई है आजादी, विदेशी पत्रकारों का दावा

चीन (China) ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए अनेकों कदम उठाए। इस क्रम में यहां काम करने वाली विदेशी मीडिया पर रोक लगा दी गई। 2020 में विदेशी रिपोर्टरों के चीन में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इससे यहां की मीडिया की आजादी प्रभावित हुई।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:17 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:17 PM (IST)
चीन में मीडिया की कम गई है आजादी, विदेशी पत्रकारों का दावा
चीन में मीडिया की कम गई है आजादी

बीजिंग, रॉयटर्स। चीन (China) ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए अनेकों कदम उठाए। इस क्रम में यहां काम करने वाली विदेशी मीडिया पर रोक लगा दी गई। 2020 में विदेशी रिपोर्टरों के चीन में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इससे यहां की मीडिया की आजादी प्रभावित हुई। मीडिया की देश में स्थिति को देकर चीन में विदेशी मीडिया के संस्थान (FCCC) ने सोमवार को यह जानकारी दी।  लगातार तीसरे साल किसी पत्रकार ने समूह को जानकारी नहीं दी कि काम करने की व्यवस्था में सुधार हुआ, FCCC ने एक वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। बता दें कि यह सर्वे 150 रेस्पांस पर आधारित है। 

 गत सितंबर माह में ऑस्ट्रेलिया ने अपने विदेशी रिपोर्टरों को चीन छोड़ने में मदद की थी। उस वक्त 2016 से 2018 तक ऑस्ट्रेलिया के न्यूज नेटवर्क एबीसी के चीन ब्यूरो प्रमुख रहे मैथ्यू कार्नी ने एक लेख में बताया कि चीन में मीडिया बिल्कुल स्वतंत्र नहीं है और वहां पर मौजूद प्रत्येक विदेशी पत्रकार की निगरानी की जाती है। लेख में उन्होंने चीन में रहने के दौरान वहां के सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का भी जिक्र किया है। 

चीनी अधिकारियों द्वारा तीन महीने तक प्रताड़ित किए जाने के बाद परिवार सहित ऑस्ट्रेलिया लौटे कार्नी ने बताया कि उन पर निगरानी रखने का काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ। सबसे पहले सेंट्रल साइबर अफेयर्स कमीशन से एक व्यक्ति का फोन आया। उसने बताया कि जिस तरह की उनके द्वारा रिपोर्टिग की जा रही है, वह चीन के नियमों के विरुद्ध है। इससे देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय गौरव को क्षति पहुंच रही है। 

रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन के कूटनीतिक विवादों में पत्रकारों को कठपुतली के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Wang Wenbin) ने सोमवार को बताया कि इस रिपोर्ट में किया गया  दावा आधारहीन था। उन्होंने कहा, 'हम हमेशा कानून के अनुसार, सभी देशों की मीडिया व पत्रकारों का स्वागत करते हैं। हम केवल चीन के खिलाफ फर्जी खबरों व आरोपों का विरोध करते हैं।' 

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