चीनी सेना की युद्ध में बढ़त हासिल करने के लिए आत्मघाती ड्रोन खरीदने की तैयारी : विशेषज्ञ
द नेशनल इन्टरेस्ट में एक सैन्य विशेषज्ञ माइकल पेक ने कहा कि चीनी सेना युद्ध में बढ़त हासिल करने के लिए एक नए किस्म का अत्याधुनिक हथियार हासिल करना चाहती है। चीन ने दो किस्म के आत्मघाती ड्रोन खरीदना चाहता है।
बीजिंग, एएनआइ। चीनी सेना ऐसे आत्मघाती ड्रोन या यूएवी खरीदने की तैयारी में है जिसे हथियारों से लैस करके घुमाया जा सके। साथ ही यह ड्रोन आसानी से पकड़ में भी नहीं आएंगे और उन्हें मार कर गिराया भी नहीं जा सकेगा।
द नेशनल इन्टरेस्ट में एक सैन्य विशेषज्ञ माइकल पेक ने कहा कि चीनी सेना युद्ध में बढ़त हासिल करने के लिए एक नए किस्म का अत्याधुनिक हथियार हासिल करना चाहती है। चीन ने दो किस्म के आत्मघाती ड्रोन खरीदना चाहता है। चीनी सेना ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी यह आवश्यकता बताई है। इसमें ड्रोन की तकनीकी क्षमताओं और उसकी संख्या का ब्योरा दिया गया है। यह क्लासीफाइड जानकारी है।
हालांकि चीनी ड्रोन निर्माताओं के पास ऐसे विशिष्ट उत्पाद हैं जो संभवत: चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की इस विशेष आवश्यकता को पूरी कर सकें। वर्ष 2018 में चीनी एयरोस्पेस ने सीएच-901 का अनावरण किया था। चीनी मीडिया ने इसे चार फीट लंबा, 20 पौंड भार, 150 किमी प्रति घंटा रफ्तार, अवधि दो घंटे की उड़ान बताई है। इसमें बड़ा ड्रोन डब्ल्यूएस-43 500 पौंड वजन का हथियार रखा जा सकता है। यह तीस मिनट की उड़ान में साठ किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
पेक ने कहा कि आत्मघाती ड्रोन 21वीं सदी के सबसे घातक हथियार हैं। इनके जरिये आसमान में उड़ते हुए गोला-बारूद का हमला किया जा सकता है। यह कितना घातक हो सकता है, यह इस पर भी निर्भर है कि आप इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं। यह आत्मघाती ड्रोन सैन्य उपभोक्ताओं के लिए तोपों से गोलाबारी करने (जो आसमान से नहीं हो सकती) और अमेरिका के रीपर और प्रीडेटर के हमला करने वाले बड़े मानवरहित ड्रोन हैं, जो बेहद महंगे हैं। अमेरिका के स्विचब्लेड ड्रोन छह पौंड वजन के ड्रोन हैं जो किसी सैनिक के बैकपैक में भी रखकर कहीं भी ला जाए जा सकते हैं।