पड़ोसियों के लिए खतरा बना ड्रैगन, ताइवान के वायुक्षेत्र और फिलीपींस के जलक्षेत्र में घुसे चीन के सैन्य जहाज

फिलीपींस के जलक्षेत्र में चीन के 220 सैन्य जहाजों के घुसने का मामला प्रकाश में आया है। रविवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमान घुसे है। 17 मार्च के बाद यह पहला मौका है जब चीन के विमान ताइवान के रक्षा क्षेत्र में घुसे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 05:51 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 07:46 PM (IST)
पड़ोसियों के लिए खतरा बना ड्रैगन, ताइवान के वायुक्षेत्र और फिलीपींस के जलक्षेत्र में घुसे चीन के सैन्य जहाज
फिलीपींस के जलक्षेत्र में घुसे चीन के 220 सैन्य जहाज

मनीला, एजेंसियां। फिलीपींस के जलक्षेत्र में चीन के 220 सैन्य जहाजों के घुसने का मामला प्रकाश में आया है। फिलीपींस के तटरक्षक बल ने कहा कि दक्षिण चीन सागर स्थित विवादित चट्टान के पास इन जहाजों को सात मार्च को देखा गया। खास बात यह थी कि इन जहाजों को चीन के नौसेना से जुड़े कर्मचारी चला रहे थे। उधर, रविवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमानों घुसने का पता चला है। 17 मार्च के बाद यह पहला मौका है जब चीन के लड़ाकू विमान ताइवान के रक्षा क्षेत्र में घुसे हैं। एक पत्रकार ने जब ट्विटर के माध्यम से फिलीपींस के विदेश मंत्री टिओडोर लॉसिन से जब यह पूछा कि क्या वह राजनयिक विरोध दर्ज कराएंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा तभी संभव है जब सैन्य जनरल इस संबंध में उन्हें जानकारी देंगे। ज्ञात हो कि इससे पहले ताइवान की सीमा में 11 चीनी लड़ाकू विमान घुस गए थे, ताइवान की वायुसेना ने उनका पीछा करते हुए खदेड़ दिया। इस दौरान ताइवान ने मिसाइल सिस्टम भी अलर्ट कर दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार चीन लगातार इस तरह के प्रयास कर रहा है। 

समुद्री पर्यावरण के नष्‍ट होने का खतरा

पश्चिमी फिलीपीन सागर के लिए बनी नेशनल टास्क फोर्स ने विवादित जलक्षेत्र में चीन द्वारा अत्यधिक मछली पकड़ने और समुद्री पर्यावरण को नष्ट करने पर चिंता जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति चलती रही तो चीन सागर दोबारा अपने मूल रूप में कभी दिखाई नहीं देगा। इस जलक्षेत्र से मछली पकड़कर अपने नागरिकों की खाद्य सुरक्षा पूरी करना चीन की मजबूरी है। अनुमान है कि वर्ष 2030 तक अकेले चीन में वैश्विक मछली खपत का 38 फीसद उपभोग किया जाएगा। अत्यधिक मछली पकड़ने का परिणाम यह हुआ है कि चीन के तटीय क्षेत्रों में मछली मिलना बहुत कम हो गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने नहीं दिया जवाब

जब इस पूरे घटनाक्रम पर चीन के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मनीला स्थित चीनी दूतावास ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है। वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उसने विवादित जलक्षेत्र के 90 फीसद हिस्से पर अपना दावा जताया था।

ज्ञात हो कि दक्षिण चीन सागर दुनिया के सबसे अधिक संसाधन संपन्न समुद्री क्षेत्रों में से एक है। चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस से इसकी सीमा लगती है। जल क्षेत्र को लेकर संयुक्त राष्ट्र समझौते के विपरीत चीन इसके विशाल हिस्से पर अपना दावा करता है।

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