चीन में भीषण बारिश से तबाही, हेनान प्रांत में उफनती नदी को मोड़ने के लिए सेना ने बांध को उ़़डाया

12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पौने दो लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है इनमें मेट्रो ट्रेन में पानी भरने से मरने वाले 12 लोग शामिल हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:06 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:06 AM (IST)
चीन में भीषण बारिश से तबाही, हेनान प्रांत में उफनती नदी को मोड़ने के लिए सेना ने बांध को उ़़डाया
भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

बीजिंग, एजेंसी। चीन के हेनान प्रांत में मौसम का कहर टूटा है। एक हजार साल की सबसे भीषषण बारिश से भयावह बाढ़के हालात बन गए हैं। एक दर्जन से अधिक शहर जलमग्न हो गए। टनल में फंसी मेट्रो में पानी भर गया और स्टेशनों से लोग निकल नहीं पाए। यिचुआन में उफनती नदी के पानी को मो़़डने के लिए सेना को एक क्षतिग्रस्त बांध को उ़़डाना पड़ा है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पौने दो लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें मेट्रो ट्रेन में पानी भरने से मरने वाले 12 लोग शामिल हैं। मेट्रो सुरंगें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि राहत कार्य मुश्किल भरा है।

सैकड़ों फ्लाइट रद

झेंगझोऊ रेलवे स्टेशन से जाने वाली करीब 160 ट्रेन रोक दी गई हैं। हजारों लोग बिना बिजली-पानी के रहने को मजबूर हैं। सैकड़ों फ्लाइट रद कर दी गई हैं। बाढ़ में बौद्ध भिक्षुओं का शाओलिन मंदिर भी घिरा हुआ है। यह मंदिर मार्शल आर्ट के कारण विश्व प्रसिद्ध है।

सबवे ट्रेनों से 500 लोगों को बचाया गया

रायटर के अनुसार, सबवे ट्रेनों में फंसे यात्री जान बचाने के लिए हैंडलबार से चिपककर राहत दल का इंतजार कर रहे थे। ये लोग गर्दन तक पानी में डूबे हुए थे। बाढ़से घिरी सबवे ट्रेनों से 500 लोगों को राहत दलों ने निकाला है। हेनान प्रांत के एक दर्जन शहरों में पानी भरा हुआ है।

तीन दिनों तक बारिश का अनुमान

मौसम विभाग का अगले तीन दिनों तक बारिश का अनुमान है। झेंगझोऊ में शनिवार से मंगलवार तक 617.1 मिमी. तक बारिश हो गई थी। यह पूरे साल की औसतन 640.8 मिमी. बारिश के लगभग बराबर है। ऐसी बारिश हजार साल बाद हुई है।

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