COVID-19: 8 दिनों में रंग दिखाने लगता है वायरस, नए शोध में Incubation period है अलग

Incubation Period of coronavirus चीन के वुहान में ही कोविड-19 के घातक वायरस ने जन्म लिया और तीन महीनों के भीतर ही दुनिया भर में फैल गया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 01:51 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 01:51 PM (IST)
COVID-19: 8 दिनों में रंग दिखाने लगता है वायरस, नए शोध में Incubation period है अलग
COVID-19: 8 दिनों में रंग दिखाने लगता है वायरस, नए शोध में Incubation period है अलग

बीजिंग, प्रेट्र। Incubation Period of coronavirus: कोविड-19 ( COVID-19)  से संक्रमित होने के बाद पहला लक्षण आठ दिनों में दिखना शुरू होता है जबकि पहले इसके लिए 4-5 दिन बताया गया था। एक जर्नल साइस एडवांसेज में प्रकाशित नए शोध के अनुसार,  पहले बताए गए अवधि की तुलना में संक्रमितों में लक्षण आने की शुरुआत  बाद में होती है। चीन के वुहान शहर से निकलने वाले लोगों जिनमें काफी हल्के लक्षण थे उन्हें शोध में शामिल किया गया। वुहान से निकलने के बाद उन्हें तब तक मॉनिटर किया गया जब तक उनमें पूरी तरह लक्षण नहीं दिखने लगे।   इंक्यूबेशन पीरियड इंसान के संक्रमित संक्रमण और लक्षण दिखने के बीच का अवधि है।

चीन में पीकिंग यूनिवर्सिटी  समेत अन्य वैज्ञानिकों के अनुसार,  सीमित डाटा और कम सैंपलों के साथ ऐसा माना गया था कि संक्रमण के लक्षण 4-5 दिन में दिखते हैं जबकि नए शोध के अनुसार संक्रमण के 8 दिनों बाद लक्षण दिखने लगते हैं।  नए अध्ययन में उन्होंने कम लागत वाला तरीका अपनाया और इसके तहत 1,084 संक्रमित मामलों को लिया। ये सभी संक्रमित वुहान निवासी थे या फिर इनकी ट्रेवल हिस्ट्री वुहान की थी।  इनमें से कुछ मरीजों में  7.75 दिनों में लक्षण दिखने लगे वहीं दस फीसद मरीजों में 14.28 दिनों में लक्षण दिखे। 

महामारी का कारण नॉवेल कोरोना वायरस का नाम Sars-CoV-2 है। इसके बाद यह कोरोना वायरस फेफड़े में जाकर सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है।

उल्लेखनीय है कि इस वायरस से संक्रमितों के संपर्क में आने वालों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता है क्योंकि इस निर्धारित इन्क्यूबेशन पीरियड के दौरान यह कोरोना वायरस खतरनाक बन जाता है। 'इन्क्यूबेशन पीरियड' का मतलब डॉक्टरों के अनुसार उस अवधि से है जिस दौरान संक्रमित इंसान में वायरस के संक्रमण का लक्षण दिखने लगता है। ऐसा ओर बीमारियों वाले वायरसों के साथ नहीं है। दूसरे वायरस लक्षण आने के बाद संक्रमण फैलाते हैं जबकि यह वायरस बगैर लक्षण ही बीमारी को फैला सकता है। इसी कारण से संभावित मरीजों को आइसोलेशन में रखने का नियम है।

इस घातक वायरस से संक्रमित हो जाने के बाद भी लक्षण दिखने में इतना अधिक समय लगता है जबकि संक्रमण फैलाने का सिलसिला पहले शुरू हो जाता है इसलिए ही लोगों को क्वारंटाइन किए जाने का नियम लागू किया गया है।

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