Coronavirus: 2008 की मंदी के बाद चीन में सबसे निचले स्तर पर शेयर बाजार, मैन्युफैक्चरिंग में भारी गिरावट
कोरोना वायरस का असर चीनी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। चीन की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में रिकॉर्ड गिरावट हुई है। वहीं स्टॉक मार्केट 2008 की मंदी के बाद से सबसे निचले स्तर पर है।
बीजिंग,एएफपी। कोरोना वायरस का असर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अर्थव्यवस्था यानी चीन के अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला है। शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फरवरी में चीन की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में रिकॉर्ड स्तर पर गिरावट देखने को मिली है।
यही नहीं स्टॉक मार्केट 2008 की मंदी के बाद से सबसे निचले स्तर पर है। इसके बाद से अब यह डर सताने लगा है कि इस वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ सकता है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब कोरोना वायरस दुनियाभर के कई देशों में तेजी से फैल रहा है।
विश्लेषकों ने पहले ही चेतावनी दी थी
बता दें कि आर्थिक विश्लेषकों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि पहली तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि पर कोरोना वायरस के कारण व्यापक असर पड़ेगा और शनिवार को जारी हुआ आंकड़ा इसका पहला उदाहरण था। कोरोना के कारण देशभर उद्योग प्रभावित हुआ है।
PMI फरवरी में 35.7 अंक पर रहा
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की आर्थिक सेहत को मापने का इंडिकेटर पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) फरवरी में 35.7 अंक पर था। इसका आंकड़ा अगर 50 से ऊपर होता है तो माना जाता है कि सेक्टर में विस्तार हो रहा है, वहीं इससे नीचे जाने का मतलब गिरावट है। जनवरी में यह 50 था। 2005 यह आंकड़ा रिकॉर्ड होना शुरू हुआ, इसके बाद से यह सबसे खराब आंकड़ा है। ़
दुनिया भर में दिखेगा असर
यह फरवरी के महीने के लिए प्रकाशित पहला आधिकारिक आर्थिक संकेतक (official economic indicator) था, जिसने चीन की अर्थव्यवस्था पर महामारी के विनाशकारी प्रभाव को दिखाया। इसका असर दुनिया भर में देखे जाने की संभावना है।
नॉन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर असर
नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने कहा कि ऑटो और स्पेशलाइज्ड इक्विपमेंट इंडस्ट्रीज पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है, लेकिन नॉन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रहा। फरवरी में नॉन-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर गिरकर 29.6 हो गया। फरवरी में यह 54.1 था। चीनी उद्यमों के उत्पादन और संचालन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा है।