चिनफिंग ने नेताओं से कराई प्रतिज्ञा, कहा- पार्टी के प्रति वफादार रहते हुए आधुनिकीकरण और परिवर्तन में दें साथ

चिनफिंग को वैसे तो अपने दो कार्यकाल पूरे होने के बाद 2023 में पद से हट जाना था लेकिन 2018 में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित कर देश के संविधान में संशोधन कर दिया। इसके जरिये चिनफिंग को पूरी जिंदगी राष्ट्रपति बने रहने का अधिकार मिल गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:23 PM (IST)
चिनफिंग ने नेताओं से कराई प्रतिज्ञा, कहा- पार्टी के प्रति वफादार रहते हुए आधुनिकीकरण और परिवर्तन में दें साथ
चीन में राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नेताओं से कराई प्रतिज्ञा

बीजिंग, प्रेट्र। चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नेताओं से कहा है कि वे नेतृत्व के प्रति वफादारी जताते हुए उसका अनुसरण करें और देश के आधुनिकीकरण और आमूल-चूल परिवर्तन में साथ दें। चिनफिंग का यह वक्तव्य सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में होने वाले समारोह से ऐन पहले आया है।

माओ के बाद पार्टी में चिनफिंग जितना शक्तिशाली कोई नेता नहीं

उल्लेखनीय है कि चिनफिंग कम्युनिस्ट पार्टी में संस्थापक माओ त्से तुंग के समान अधिकार संपन्न नेता बन गए हैं। माओ के बाद पार्टी में चिनफिंग जितना शक्तिशाली कोई नेता नहीं हुआ।

चिनफिंग ने हासिल किए सत्ता, संगठन और सेना के सर्वोच्च पद

चिनफिंग को दिसंबर 2012 में कम्युनिस्ट पार्टी का सर्वोच्च नेता घोषित किया गया था। इसके बाद वह दिनों-दिन मजबूत होते गए। इस बीच उन्होंने सत्ता, संगठन और सेना के सर्वोच्च पद हासिल किए और अब वह चीन के सबसे शक्तिशाली नेता हैं।

चिनफिंग ने पीएम और पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ संग्रहालय का किया दौरा

शुक्रवार को कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना काल से अभी तक की घटनाओं पर आधारित संग्रहालय का चिनफिंग ने 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ दौरा किया। इस दौरे में उनके साथ प्रधानमंत्री ली कछ्यांग भी थे।

चिनफिंग ने कराई प्रतिज्ञा: पार्टी के प्रति वफादार रहना, कभी धोखा न देना, बलिदानों को तैयार रहना

वहां पर चिनफिंग ने नेतृत्व के समर्थन के लिए सभी नेताओं से प्रतिज्ञा कराई। इस प्रतिज्ञा में कम्युनिस्ट पार्टी के हितों के लिए पूरे जीवन संघर्ष करने, पार्टी के प्रति वफादार रहने, सभी तरह के बलिदानों के तैयार रहने और पार्टी को कभी भी धोखा न देने की प्रतिज्ञा की गई। इस प्रतिज्ञा का प्रसारण चीन के सभी सरकारी चैनलों ने किया।

माओ ने चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1921 में की थी

नौ करोड़ सदस्यों के साथ 1921 में माओ ने चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी। इसके बाद पार्टी ने लगातार अपनी गतिविधियां चलाईं और 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना नाम से देश की स्थापना की।

पार्टी के सौ साल पूरे: एक जुलाई से होंगे भव्य कार्यक्रम

पार्टी के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक जुलाई से कार्यक्रम शुरू होंगे। इस दौरान भव्य मिलिटरी परेड भी होगी जिसमें चीन अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा। चीन ये सारे आयोजन कोरोना वायरस पैदा करने और शिनजियांग व हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के बीच करेगा।

चिनफिंग ने कहा- पार्टी के सदस्य चीन के आधुनिकीकरण के लिए जीन-जान से जुटें

संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में चिनफिंग ने कहा, कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य चीन के आधुनिकीकरण और उसके आमूल-चूल परिवर्तन के लिए जीन-जान से जुट जाएं। इसके लिए वे पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादार रहते हुए उसका समर्थन करें।

चिनफिंग ने कहा- सभी पार्टी सदस्य रहें एकजुट

चिनफिंग ने कहा, सभी पार्टी सदस्य एकजुट रहें। बड़ी सोच लेकर कार्य करें। नेतृत्व का अनुसरण करें। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नीतियों से लगातार जुड़े रहें।

चिनफिंग को पूरी जिंदगी राष्ट्रपति बने रहने का अधिकार

चिनफिंग को वैसे तो अपने दो कार्यकाल पूरे होने के बाद 2023 में पद से हट जाना था, लेकिन 2018 में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित कर देश के संविधान में संशोधन कर दिया। इसके जरिये चिनफिंग को पूरी जिंदगी राष्ट्रपति बने रहने का अधिकार मिल गया। अब उनके लिए दो कार्यकालों की समय सीमा खत्म हो गई है।

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