चीनी दूरसंचार कंपनी अमेरिकी बाजार से निष्कासित, 60 दिनों में चाइना टेलीकाम को बंद करनी होगी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सेवाएं

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक अमेरिकी नियामक ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर चाइना टेलीकाम लिमिटेड की एक इकाई को अमेरिकी बाजार से निष्कासित कर दिया है। चाइना टेलीकाम लिमिटेड चीन में सरकारी क्षेत्र की तीन सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:31 PM (IST)
चीनी दूरसंचार कंपनी अमेरिकी बाजार से निष्कासित, 60 दिनों में चाइना टेलीकाम को बंद करनी होगी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सेवाएं
चीनी दूरसंचार कंपनी अमेरिकी बाजार से निष्कासित। फाइल फोटो।

बीजिंग, एजेंसी। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक अमेरिकी नियामक ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर चाइना टेलीकाम लिमिटेड की एक इकाई को अमेरिकी बाजार से निष्कासित कर दिया है। चाइना टेलीकाम लिमिटेड चीन में सरकारी क्षेत्र की तीन सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक है। संघीय संचार आयोग (एफसीसी) द्वारा मंगलवार को दिए गए एक आदेश में कहा गया है कि चाइना टेलीकाम (अमेरिका) कारपोरेशन को 60 दिनों के अंदर अमेरिका में घरेलू और अंतराष्ट्रीय सेवाओं को बंद करना होगा।

आयोग ने कहा कि बीजिंग अमेरिकी संचार को छिपाने या बाधित करने के लिए इस कंपनी का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा अमेरिका के खिलाफ जासूसी और अन्य हानिकारक गतिविधियों में शामिल होने की भी आशंका जताई गई। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी बाजारों में चीनी कंपनियों की पहुंच को बहुत सीमित कर दिया था। राष्ट्रपति जो बाइडन देश की सुरक्षा को जोखिम बताते हुए बीजिंग से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ इसी तरह के कड़े कदम उठा रहे हैं। चाइना टेलीकाम उन कंपनियों में शामिल है, जिसे ट्रंप के आदेश के तहत ना केवल अमेरिकी स्टाक एक्सचेंजों से निष्कासित कर दिया था, बल्कि अमेरिकियों को उनमें निवेश करने से रोक दिया गया था।

एफसीसी ने कहा है कि अमेरिकी एजेंसियों के लिए कंपनी का आचरण विश्वसनीयता की कमी को प्रदर्शित करता है। अमेरिका द्वारा उठाए गए कदम पर चीन सरकार ने कहा कि वह अपनी कंपनियों के हित में हर वह कदम उठाएगी, जो उनके लिए जरूरी होगा। हालांकि अभी तक चीन ने किसी तरह के बदले की कार्रवाई नहीं की है। पेंटागन ने चीन की दूरसंचार कंपनियों को काली सूची में रखा है। इसके अलावा चीन की सरकारी तेल कंपनियों, प्रोसेसर और चिप के सप्लायर, जहाज निर्माण और परमाणु ऊर्जा उपकरण कंपनियों को भी इसी सूची में रखा गया है।

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