चीन की क्रूर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा, अरबपति व्यापारी को 18 साल की कैद

शी जिनपिंग सरकार ने नामी कृषि कंपनी दावू ऐग्रिकल्चर ग्रुप के चेयरमैन सुन दावू को 18 साल जेल की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ मुसीबत पैदा करने और सरकारी संस्थानों पर हमले के लिए भीड़ जुटाने जैसे कई आरोप लगाए गए हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:36 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:38 PM (IST)
चीन की क्रूर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा, अरबपति व्यापारी को 18 साल की कैद
शी जिनपिंग सरकार ने दावू ऐग्रिकल्चर ग्रुप के चेयरमैन सुन दावू को 18 साल की सजा सुनाई। फाइल फोटो।

बीजिंग, एजेंसी। चीन की क्रूर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा एक और अरबपति व्यापारी को भुगतना पड़ा है। शी जिनपिंग सरकार ने नामी कृषि कंपनी दावू ऐग्रिकल्चर ग्रुप के चेयरमैन सुन दावू को 18 साल जेल की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ 'मुसीबत पैदा करने' और 'सरकारी संस्थानों पर हमले के लिए भीड़ जुटाने' जैसे कई आरोप लगाए गए हैं। दावू से पहले अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा समेत कई रईस व्यापारियों को सरकार की आलोचना में मुंह खोलना भारी पड़ चुका है।

दावू को मुखर व्यापारी और मूलभूत अधिकारों के प्रवक्ता के रूप में जाना जाता है। उनके खिलाफ ट्रायल गुपचुप तरीके से गाओबीडियन में चलाया गया। दावू पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को सरकारी इकाइयों पर हमले के लिए जुटाया, सरकारी प्रशासन में अवरोध पैदा किया, झगड़े और मुश्किलें पैदा कीं। उन्हें 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है और 3.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा है।

वकीलों की तारीफ की थी

दरअसल, दावू ने सरकार के कानूनी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के बीच वकीलों की तारीफ की थी। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। दावू के कर्मचारियों ने अगस्त 2020 में एक सरकारी कंपनी को उसकी इमारत गिराने से रोका था। इसके बाद दावू के अलावा 20 और लोगों को हिरासत में लिया गया था और उनके खिलाफ भी ट्रायल हुआ है और उन्हें दोषी करार दिया गया है।

लोगों का भारी समर्थन था

सुन के खिलाफ साल 2003 में अवैध फंड जुटाने का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें आम जनता का भारी समर्थन मिला था। इसके बाद से सुन ऐसे वकीलों की तारीफ करते थे जो आम लोगों की मदद करते हों क्योंकि सरकार ऐसे वकीलों को जेल में डाल देती थी। सुन के 2003 के केस के वकील भी फरवरी 2020 में गायब हो गए और उनके साथियों का कहना है कि उनके खिलाफ देश से विश्वासघात का आरोप लगा था।

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