सिक्किम में घुसपैठ की घटना पर बोला चीन, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए उठाएंगे हर कदम
चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसकी सेना एलएसी के इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत को ऐसी किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए जिससे कि सीमा पर हालात खराब हो जाएं।
बीजिंग, एजेंसियां। कहते हैं कि चोर चोरी से जाए सीनाजोरी से नहीं... यह कहावत चीन पर फिट बैठती नजर आती है। पहले गलवन घाटी और अब उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में घुसपैठक की कोशिश में मुंह की खाने के बाद भी चीन दुनिया के सामने खुद को शांति का मसीहा साबित करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसकी सेना एलएसी के इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यही नहीं चीन की सीनाजोरी देखिए उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत को ऐसी किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए जिससे कि सीमा पर हालात खराब हो जाएं।
हर तरह के व्यावहारिक कदम उठाएगा चीन
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने धमकी भरे अंदाज में यह भी कहा कि चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए वह हर तरह के व्यावहारिक कदम उठाएगा।
सेना बोली- मामले को सुलझाया गया
वहीं भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि 20 जनवरी को सिक्किम के नकु ला में भारतीय सेना और चीनी पीएलए सैनिकों के बीच मामूली आमना-सामना हुआ था। यह स्थानीय कमांडरों द्वारा स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार सुलझा लिया गया था।
पिछले हफ्ते हुई थी झड़प
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच चीन अपनी हिमाकतों से बाज नहीं आ रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में भी चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने आए गए थे। सूत्रों का कहना है कि चीन के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पार कर के भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की जिनको भारतीय सेना के जवानों ने रोक दिया। इस दौरान भारतीय सेना के जवानों और चीनी सेना पीएलए के सैनिकों के बीच एक झड़प हुई।
सैन्य गतिरोध बरकरार
सनद रहे कि नाकू ला वही जगह है जहां पर पिछले साल नौ मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की घटना हुई थी। यही नहीं चीन की हिमाकत इसके बाद भी जारी रही और पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग लेक इलाके में उसके सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव गहरा गया था। इसके बाद से अब तक करीब नौ महीने का लंबा वक्त गुजर चुका है लेकिन सैन्य गतिरोध बरकरार है। अभी कल रविवार को ही पूर्वी लद्दाख के सभी तनाव वाले इलाके से सैनिकों की वापसी को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी।