चीन की दोहरी चाल: पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के बाद भारत से दोस्‍ताना संबंध का दावा

उन्‍होंने कहा कि निश्चित रूप से जून में सीमा विवाद के चलते दोनों देशों की सेनाएं टकराई हैं लेकिन यह परमाणु संपन्‍न शक्तियों के मध्‍य संबंधों पर हावी नहीं होना चाहिए।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 12:48 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 12:48 PM (IST)
चीन की दोहरी चाल: पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के बाद भारत से दोस्‍ताना संबंध का दावा
चीन की दोहरी चाल: पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के बाद भारत से दोस्‍ताना संबंध का दावा

वाशिंगटन, एजेंसी। बीजिंग-नई दिल्‍ली के मध्‍य बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका में चीनी राजदूत ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में सीमा विवाद हावी नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि निश्चित रूप से जून में सीमा विवाद के चलते दोनों देशों की सेनाएं टकराई हैं, लेकिन यह परमाणु संपन्‍न शक्तियों के मध्‍य संबंधों पर हावी नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह भारत-चीन दोस्‍ती का दृष्टिकोण है। 

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 एवं 16 जून की रात्रि चीन और भारत की सेना के बीच संघर्ष हुआ था। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस झड़प में 43 चीनी सैनिक भी मारे गए थे। पिछले 45 वर्षों में सीमा पर इस तरह की पहली घटना थी। सीमा पर इस चीन की इस आक्रामकता को लेकर चीन की निंदा पूरी दुनिया ने किया था। अमेरिका समेत तमाम विकसित मुल्‍क भारत के साथ खड़े थे। अमेरिका ने भारत को हर मदद का भरोसा दिलाया था। अमेरिका ने साफ कहा था कि वह भारत के साथ खड़ा है। गलवान घाटी पर इस झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। 

पूर्वी लद्दाख में करीब तीन हफ्ते बाद सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति में बदलाव आया। चीन के सूर बदल गए थे, लेकिन वह अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से एक ओर चीनी नेता शांति की बात कर रहे थे, तो दूसरी ओर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी अपनी मजबूती बढ़ाती जा रही थी। हालांकि, अब चीन के सैनिक भी दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद पीछे हट चुके हैं।   

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