पाकिस्‍तान की मदद के लिए चीन भेजेगा एक लाख बत्तख, जानें क्‍या है कारण

चीन ने टिड्डियों के हमलों का सामना कर रहे पाकिस्तान में एक लाख बत्तखों की फौज भेजने का निर्णय लिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 06:28 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 11:47 PM (IST)
पाकिस्‍तान की मदद के लिए चीन भेजेगा एक लाख बत्तख, जानें क्‍या है कारण
पाकिस्‍तान की मदद के लिए चीन भेजेगा एक लाख बत्तख, जानें क्‍या है कारण

बीजिंग, एपी। मुसीबत में घिरे अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद के लिए चीन फिर आगे आया है। चीन ने टिड्डियों के हमलों का सामना कर रहे पाकिस्तान में एक लाख बत्तखों की फौज भेजने का निर्णय लिया है।

 पाकिस्तान भेजी जा रहीं टिड्डी खाने वाली बत्तखें

स्थानीय अखबार निंगो इवनिंग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के पूर्वी प्रांत झेजिआंग से टिड्डी खाने वाली बत्तखें पाकिस्तान भेजी जा रही हैं। एक बत्तख एक दिन में करीब 200 टिड्डियों को खा सकती है। ऐसे में चीनी अधिकारियों को उम्मीद है कि बत्तखों की यह फौज एक दिन में ही दो करोड़ टिड्डियों का सफाया कर सकती है।

दो दशक पहले बत्‍तखों की मदद से चीन ने किया था मुकाबला

अखबार में दावा किया गया है कि दो दशक पहले चीन के उत्तर-पश्चिमी इलाके में भी टिड्डियों ने हमला कर दिया था, तब भी बत्तखों की मदद से ही चीन ने मुसीबत से पार पाया था। कृषि तकनीक शोधकर्ता लू लीझी का कहना है कि बत्तखों का प्रयोग जहरीले कीटनाशकों की तुलना में बहुत सस्ता पड़ता है और इससे खेती को भी नुकसान नहीं होता। साथ ही इनका इस्तेमाल पूरी तरह प्राकृतिक है। बत्तखें मुर्गियों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा टिड्डियां खा सकती हैं।

पाकिस्‍तान में टिड्डियों का कहर, इमरान ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की

पिछले दिनों पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टिड्डियों का कहर से जूझने के लिए अपने देश में राष्‍ट्रीय आपात काल की घोषणा की थी। इन टिड्डियों ने पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत में पूरी फसलों को तबाह कर दिया। कीड़ों से निपटने के लिए पीएम इमरान खान ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। इन टिड्डियों ने पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत में पूरी फसलों को तबाह कर दिया है।

बलूचिस्‍तान और यमन टिड्ड‍ियों का प्रजनन केंद्र

पाकिस्‍तान का बलूचिस्‍तान और यमन टिड्ड‍ियों का प्रजनन केंद्र माना जाता है। यहां सर्दी में टिड्डी का प्रजनन होता है। हवा का रुख बदलने से पाकिस्‍तान और अन्‍य क्षेत्रों से टिड्ड‍ियां भारत में प्रवेश करती हैं। सामान्‍यत: बारिश में ही पाकिस्‍तान से भारत तक ये टिड्ड‍ियां पहुंचती हैं। पाकिस्‍तान में टिड्डी नियंत्रण का बेहतर प्रबंधन नहीं है। 

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