प्रशांत महासागर में दबदबा कायम करने में जुटा चीन, लोन के जरिये छोटे देशों पर डाल रहा डोरे

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को प्रशांत क्षेत्र के आठ द्वीपीय देशों के साथ बैठक की।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 07:31 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:31 PM (IST)
प्रशांत महासागर में दबदबा कायम करने में जुटा चीन, लोन के जरिये छोटे देशों पर डाल रहा डोरे
प्रशांत महासागर में दबदबा कायम करने में जुटा चीन, लोन के जरिये छोटे देशों पर डाल रहा डोरे

पोर्ट मोरेसबी, एपी/रायटर। प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी में सप्ताहांत के दौरान होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन पर चीन की खास नजर है। वह लोन के जरिये प्रशांत क्षेत्र के छोटे देशों पर डोरे डालने के लिए इस मौके को भुनाने में जुटा है। इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को प्रशांत क्षेत्र के आठ द्वीपीय देशों के साथ बैठक की। लेकिन चीनी अधिकारियों ने ज्यादातर क्षेत्रीय पत्रकारों को इस बैठक को कवर करने से रोक दिया।

पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेसबी में चिनफिंग के साथ बैठक में मेजबान देश के अलावा कुक आइलैंड्स, फिजी, माइक्रोनेशिया, नियू, समोआ, टोंगा और वनातू के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक को क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के नजरिये से देखा जा रहा है। चीन की कोशिशों पर क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका सावधानी के साथ नजर रख रहे हैं। इन तीनों देशों को इस बैठक में नहीं बुलाया गया था।

हर तरफ चीन की छाप
एपीईसी शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए कई देशों के नेता पहुंच रहे हैं, लेकिन सम्मेलन स्थल इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर और बस स्टॉप से लेकर हर तरफ चीन की छाप देखने को मिल रही है। सम्मेलन की पूर्व संध्या पर स्थानीय अखबारों में पूरे पेज पर चीनी राष्ट्रपति का बयान प्रकाशित किया गया। इसमें चिनफिंग ने कहा कि चीन, पापुआ न्यू गिनी का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।

विशेषज्ञों ने किया है आगाह
पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) में इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर चीन की मदद से बनाया गया है। चीन ने इस देश में चार अरब डॉलर की लागत से पहला राष्ट्रीय रोड नेटवर्क बनाने का वादा किया है। लेकिन विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कर्ज के चलते बाद में पीएनजी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

चीन बगैर शर्त कर रहा आर्थिक मदद
चीन प्रशांत क्षेत्र के छोटे द्वीपीय देशों की मदद बगैर किसी शर्त पर कर रहा है, जबकि पश्चिमी देश और विश्व बैंक या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष इस तरह की मदद में कई तरह की शर्त रखते हैं।

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