दक्षिण चीन सागर पर दावे को लेकर चीन ने लिया UN का सहारा, अमेरिकी विदेश मंत्री बता चुके हैं गैरकानूनी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है चीन का दावा।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 09:10 AM (IST)
दक्षिण चीन सागर पर दावे को लेकर चीन ने लिया UN का सहारा, अमेरिकी विदेश मंत्री बता चुके हैं गैरकानूनी
दक्षिण चीन सागर पर दावे को लेकर चीन ने लिया UN का सहारा, अमेरिकी विदेश मंत्री बता चुके हैं गैरकानूनी

बीजिंग(चीन), एएनआइ। चीन ने बुधवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर में उसके क्षेत्रीय दावे वैध हैं और इतिहास के एक लंबे पाठ्यक्रम में स्थापित किए गए हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और दक्षिण चीन सागर में समुद्री अधिकारों और हितों का एक लंबा ऐतिहासिक इतिहास है और सभी चीनी प्रशासनों द्वारा दावा किया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूएनसीएलओएस के अनुरूप भी हैं। चीन के वैध दावों के आरोप निराधार हैं।

यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के दो जून को ट्वीट करने के बाद आई कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को चीन के 'गैरकानूनी दक्षिण चीन सागर समुद्री दावों' का विरोध करने के लिए एक पत्र भेजा है।

पोम्पिओ ने कहा था, 'हम इन दावों को गैरकानूनी और खतरनाक मानते हैं। सदस्य देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और समुद्र की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए एकजुट होना चाहिए।' बता दें कि COVID-19 पर सूचना साझाकरण से संबंधित कई मुद्दों पर महामारी शुरू होने के बाद से चीन और अमेरिका आमने-सामने हैं।

चीन के रुख की पुष्टि करते हुए झाओ लिजियन ने कहा, 'चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी जारी करने में कभी देरी नहीं की है। COVID-19 सूचना साझा करने पर चीन की समयरेखा स्पष्ट और दुनिया के लिए खुली है। यह समय की कसौटी पर खरी उतर सकती है'

इसके साथ ही बुधवार को ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए चाइनीज एयरलाइनों को अमेरिका आने पर रोक लगा दी। अमेरिका के परिवहन विभाग ने कहा कि वह 16 जून से अमेर‍िका आने जाने वाली चीन की चार एयरलाइनों को निलंबित कर देगा। इस फैसले से 16 जून के बाद चीन का कोई यात्री विमान न तो अमेरिका आएगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा। अमेरिका ने अपने इस फैसले के लिए भी चीन को जिम्मेदार ठहराया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने यह कदम यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्‍टा एयरलाइंस की फ्लाइटों की चीन द्वारा बहाली नहीं किए जाने की एवज में उठाया है। चीन ने इन एयरलाइनों पर इस साल की शुरुआत में तब रोक लगा दी थी जबकि वुहान में महामारी कहर बरपा रही थी। चीन इस हफ्ते अमेरिका की इन एयरलाइनों को उड़ान की इजाजत नहीं दे सका था।

अमेरिका ने एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस कॉर्प, चाइना साउदर्न एयलाइंस कंपनी और हैनन एयरलाइंस होल्डिंग कंपनी के परिवहन पर रोक लगाई है। इसके साथ ही सिचुआन एयरलाइंस कंपनी और शियामेन एयलाइंस कंपनी पर भी रोक लगेगी। हालांकि इस फैसले पर अमेरिका स्थित चीनी दूतावास ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अमेरिकी परिवहन विभाग का कहना था कि चीन फ्लाइटों को लेकर हुए समझौते का उल्लंघन कर रहा है। विभाग चीन के अपने समकक्षों के साथ बातचीत रखेगा ताकि द्विपक्षीय रिश्तों को कायम रखा जा सके। व‍िभाग ने यह भी कहा है कि इस दौरान चीन उन विमानों को ऑपरेट करने की इजाजत दी जाएगी जितने के लिए चीन सरकार मंजूरी देगी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप 16 जून से पहले भी उक्‍त निर्देश को लागू कर सकते हैं। मालूम हो कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर चीन को पहले ही कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।

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