हांगकांग को लेकर चीन और अमेरिका आमने-सामने, चीन ने कहा- बर्दाश्त नहीं होगा हस्तक्षेप
अमेरिका को चेतावनी देते हुए चीन ने कहा कि अगर वह इस बिल को कानून बनने से पहले खत्म नहीं करता तो वह इसके जवाब में कार्रवाई करेगा।
बीजिंग, एजेंसी । हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों के लिए अमेरिकी सीनेट में बिल पारित किए जाने के बाद चीन की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन के उप विदेश मंत्री ने कहा चीन इस बिल का जोरदार विरोध करता है। इस बाबत चीन ने अमेरिकी दूतावास के कार्यवाहक प्रभारी विलियम क्लेन को तलब किया है। हांगकांग को लेकर अमेरिका और चीन के बीच यह रार गंभीर हो सकती है। इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ेगा।
चीन ने कहा है कि हांगकांग उसका आंतरिक मामला है। इसलिए अमेरिका को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उप विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस कानून को तुरंत प्रभाव से रोकने का आग्रह करते हैं। अमेरिका को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह इस बिल को कानून बनने से पहले खत्म नहीं करता तो वह इसके जवाब में कार्रवाई करेगा। चीन ने साफ कहा है कि यदि अमेरिका हांगकांग की समृद्धि और स्थिरता को नष्ट करने या चीन के विकास को बाधित करने का कोई प्रयास करता है तो उसे विफल किया जाएगा। इससे अमेरिका अपना नुकसान पहुंचाएगा।
क्या है हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019
बता दें कि हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने सर्वसम्मति से एक बिल पारित किया है। हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 नामक इस बिल को सीनेट ने मंगलवार को पारित किया। इसके तहत विदेश मंत्री को साल में कम से कम एक बार यह प्रमाणित करना होगा कि हांगकांग के पास अब भी इतनी स्वायत्तता है कि उसे अमेरिका के साथ व्यापार में विशेष महत्व दिया जाए। यह बिल ट्रंप प्रशासन को इस बात का आकलन करने की शक्तियां प्रदान करेगा कि क्या इस अहम वैश्विक आर्थिक केंद्र में राजनीतिक अशांति के कारण उसे अमेरिकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे में बदलाव लाना उचित है या नहीं।
अमेरिका, चीन के मुकाबले अर्ध स्वायत्त हांगकांग के साथ अलग व्यवहार करता है। इस बिल के कानून बनने पर शहर के विशेष दर्जे की व्यापक जांच अनिवार्य हो जाएगी। सांसद जिम रिस्च ने कहा, अमेरिकी संसद ने हांगकांग की जनता के समर्थन में मंगलवार को एक कदम उठाया है। यह विधेयक पारित होना हांगकांग की स्वायत्तता को कम करने और स्वतंत्रता के उसके मौलिक अधिकारों के हनन के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार ठहराने के रास्ते में अहम कदम है।