मंगल की पार्किग कक्षा में पहुंचा तियानवेन-1, अगले तीन महीने तक लाल ग्रह की सतह की मैपिंग करेगा चीनी यान

नासा के यान (पर्सिवेरेंस) के उतरने के बाद अब चीन से भी एक अच्छी खबर आई है। मंगल ग्रह पर जारी शोध-अनुसंधान के क्रम में चीन ने दावा किया है कि उसका अंतरिक्ष यान तियानवेन-1 मंगल ग्रह के पार्किंग ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 09:14 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 01:11 AM (IST)
मंगल की पार्किग कक्षा में पहुंचा तियानवेन-1, अगले तीन महीने तक लाल ग्रह की सतह की मैपिंग करेगा चीनी यान
चीन ने दावा किया है कि उसका अंतरिक्ष यान 'तियानवेन-1' मंगल ग्रह के पार्किंग ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है।

बीजिंग, एपी। लाल ग्रह की सतह पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान (पर्सिवेरेंस) के उतरने के बाद अब चीन से भी एक अच्छी खबर आई है। मंगल ग्रह पर जारी शोध-अनुसंधान के क्रम में चीन ने दावा किया है कि उसका अंतरिक्ष यान 'तियानवेन-1' मंगल ग्रह के पार्किंग ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है। यह एक अस्थाई कक्षा होती है, जहां से यान अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगा। आगामी महीनों में चीन लाल ग्रह यानी मंगल पर अपने रोवर को उतारने का प्रयास करेगा।

लाल ग्रह की सतह पर लैंड करने का प्रयास

चीनी अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने कहा कि उसके अंतरिक्ष यान ने बुधवार सुबह बीजिंग के समयानुसार मंगल की कक्षा में खुद को स्थापित करने के लिए प्रयास किया, जिसमें वह सफल रहा। अब इस नई कक्षा में यह अगले तीन महीने तक रहेगा। उसके बाद मई में लाल ग्रह की सतह पर लैंड करने का प्रयास करेगा।

लैंडिंग साइट का निर्धारण

सीएनएसए ने कहा कि अगले तीन महीने तक तियानवेन-1 मंगल की सतह की मैपिंग करेगा। अपने हाई रेजॉल्यूशन कैमरों और अन्य सेंसर्स की मदद से यान मंगल का डाटा एकत्र करेगा ताकि लैंडिंग साइट निर्धारण हो सके।

नासा के रोवर की हाल ही में हुई थी लैंडिंग

उल्लेखनीय है कि तियानवेन-1 मंगल की कक्षा में ऐसे समय में पहुंचा है, जब पिछले गुरुवार को ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का रोवर पर्सिवेरेंस लाल ग्रह के जेजीरो क्रेटर के पास लैंड हुआ है। इसका मकसद इस प्राचीन नदी डेल्टा के पास सूक्ष्म जीवन (माइक्रोस्कोपिक लाइफ)की तलाश करना है।

मंगल पर पहुंचने वाला दूसरा देश बनेगा

यदि चीन तियानवेन-1 को सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतार देता है, तो वह अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश होगा, जिसने मंगल की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारा है। सौर ऊर्चा संचालित चीन का यह वाहन एक गोल्फ कार्ट के आकार का है। यह मंगल में पानी की मौजूदगी का पता लगाने के साथ-साथ ऐसे सुबूत खोजेगा कि क्या यहां कभी सूक्ष्म जीवन रहा है या नहीं। तियानवेन अंतरिक्ष यान को यह नाम एक प्राचीन कविता के नाम पर दिया गया है। इसका अर्थ- स्वर्गीय सत्य की खोज है।

यूटोपिया प्लैनिटिया में लैंड करेगा यान

मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान को लैंड करना बेहद मुश्किल प्रक्रिया होती है। अभी तक एक दर्जन से अधिक ऑíबटर्स तयशुदा जगह पर लैंड नहीं कर पाए हैं। 2011 में मंगल ग्रह तक भेजा जाने वाला एक चीनी ऑíबटर (रूस का मिशन) पृथ्वी की कक्षा से बाहर तक नहीं निकल पाया था। अपने नए यान को लैंड कराने के लिए चीन पैराशूट, रॉकेट फायरिंग और एयरबैग का प्रयोग करेगा। इसकी प्रस्तावित लैंडिंग साइट यूटोपिया प्लैनिटिया नामक एक विशाल चट्टानी मैदान है, जहां 1976 में अमेरिकी वाइकिंग 2 लैंडर उतरा था।

मिलेंगी अहम जानकारियां

गौरतलब है कि 23 जुलाई 2020 को चीन ने तियानवेन-1 को अपने सबसे ताकतवर रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई 4 से लांच किया। यह बीती 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंचा था। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इस यान के जरिये उन्हें मंगल की भौगोलिक संरचना और जलवायु समेत वहां के पर्यावरण के बारे में भी नई और रोचक जानकारियां मिल सकेंगी।

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