चीन ने जवाबी कार्रवाई के तहत कई अमेरिकी अधिकारियों और संस्थाओं पर लगाए प्रतिबंध, कही यह बात

चीन ने अपने अधिकारियों पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में कई अमेरिकियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाए हैं। चीन ने जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं उनमें पूर्व अमेरिकी वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस भी शामिल हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 06:01 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 06:37 PM (IST)
चीन ने जवाबी कार्रवाई के तहत कई अमेरिकी अधिकारियों और संस्थाओं पर लगाए प्रतिबंध, कही यह बात
चीन ने अपने अधिकारियों पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में कई अमेरिकियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

बीजिंग, आइएएनएस। चीन ने अपने अधिकारियों पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में कई अमेरिकियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि चीन ने जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं उनमें पूर्व अमेरिकी वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस भी शामिल हैं। अमेरिका ने हांगकांग में चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध क्षेत्र में सुरक्षा कार्रवाई के तहत लगाए थे।

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल के अमेरिकी प्रतिबंधों ने हांगकांग के कारोबारी माहौल को चोट पहुंचाई है। इन प्रतिबंधों को बुनियादी मानदंडों का गंभीर उल्लंघन करने के लिए डिजाइन किया गया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका मुल्‍क विल्बर रॉस समेत सात अमेरिकियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाएगा। पूर्व वाणिज्य सचिव रॉस ने उन फर्मों का विस्तार किया था जो बिना पूर्व लाइसेंस के अमेरिकी फर्मों के साथ व्यापार नहीं कर सकती थीं।

चीन की ओर से की गई यह कार्रवाई अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेर्मन के आगामी बीजिंग के दौरे से पहले आई है। अमेरिकी विदेश उपमंत्री वेंडी आर शेर्मन 25 जुलाई को चीन की यात्रा पर जाएंगी। इसके बाद वह जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा भी करेंगी। वह चीन में अधिकारियों के साथ तियानजिन में बैठक करेंगी। उनकी मुलाकात विदेश मंत्री वांग यी से भी तय है। यह यात्रा अमेरिका के चीन से द्विपक्षीय संबंधों के तहत आयोजित की गई है।

हाल में अमेरिका ने अपने व्यापारिक समुदाय को हांगकांग में परिचालन के बढ़ते जोखिमों के बारे में चेतावनी दी थी। बता दें कि चीन ने पिछले साल लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर नकेल कसने के लिए हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पेश किया था। इस कानून के मुताबिक विदेशी शक्तियों के साथ अलगाव, तोड़फोड़, आतंकवाद और मिलीभगत का अपराधीकरण किया जाएगा। यही नहीं ऐसे अपराधों में दोषी पाए गए लोगों को आजीवन कारावास तक की सजा भी हो सकती है। 

chat bot
आपका साथी