Travel Restriction Ease: यूरोपीय देशों को यात्रा प्रतिबंध से चीन ने दी राहत
नॉवेल कोरोना वायरस से फैलने वाले संक्रमण को मार्च महीने में महामारी घोषित किए जाने के बाद चीन समेत दुनिया के तमाम देशों ने यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिया।
बीजिंग, एएफपी। 36 यूरोपीय देशों पर से चीन ने यात्रा प्रतिबंध हटा लिया है। अब यहां के नागरिकों को चीन में प्रवेश की पूरी छूट है। दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए चीन समेत दुनिया के लगभग सभी देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाया था। उड़ानों में कमी करने के साथ देश की सीमा बंद होने के कारण हजारों लोग दूसरे देशों में फंसे थे। नए नियमों के तहत फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत यूरोपीय पासपोर्ट धारक 36 देशों को चीनी वीजा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है और इसके लिए आमंत्रण पत्र भी आवश्यक नहीं है। चीन लौटने वाले हर शख्स को अपने वीजा के लिए दोबारा आवेदन करना होगा।
मार्च महीने में ही चीन ने दूसरे देशों के नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई थी इनमें चीन में काम करने वाले या रेसिडेंस परमिट या देश में रह रहे परिवार से जुड़े लोग भी शामिल थे। लेकिन इस सप्ताह चीन ने कहा कि यह यूरोपीय देशों को दोबारा चीन में प्रवेश की इजाजत दे देगा। बर्लिन में चीनी दूतावास द्वारा बुधवार को जारी नोटिस के अनुसार, 'नया नियम ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस समेत 36 यूरोपीय देशों के पासपोर्ट धारकों को दोबारा वीजा के आवेदन की अनुमति देगा। इसके लिए किसी तरह के आमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। ' चीन वापस आ रहे लोगों को अपने वीजा के लिए दोबारा आवेदन करना होगा क्योंकि महामारी के पहले के सभी यात्रा दस्तावेजों को रद कर दिया गया।
सोमवार को प्रकाशित चीन के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, यूरोपीय पासपोर्ट धारक जो देश में प्रवेश के लिए योग्य हैं उन्हें बिना किसी शुल्क के ही चीन में वीजा के आवेदन का मौका मिलेगा। दूसरे देशों से चीन आने वाले लोगों को कोविड-19 टेस्ट कराना होगा और 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन रहना जरूरी होगा।
इस क्रम में एयर फ्रांस ने सप्ताह में तीन दिनों के लिए चीन और फ्रांस के बीच उड़ानों की शुरुआत की अनुमति दी है। चीन को इस संक्रमण पर काबू पाने में सफलता मिली लेकिन हाल के कुछ दिनों में फिर से यहां कुछ नए मामले सामने आए हैं। पिछले साल के अंत में चीन के वुहान शहर स्थित सीफूड मार्केट से ही कोरोना वायरस का दौर शुरू हुआ और इस संकट से अब तक पूरी दुनिया जूझ रही है।