चीन के सत्तारूढ़ सीपीसी के नेता ने कहा, सोवियत संघ के विघटन से सीख लें नहीं तो...

हू डेपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी से अपील की है कि वह सक्रियता के साथ राजनीतिक सुधार की संभावनाओं की तलाश करे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 08:47 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 08:47 PM (IST)
चीन के सत्तारूढ़ सीपीसी के नेता ने कहा, सोवियत संघ के विघटन से सीख लें नहीं तो...
चीन के सत्तारूढ़ सीपीसी के नेता ने कहा, सोवियत संघ के विघटन से सीख लें नहीं तो...

 बीजिंग, प्रेट्र। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के प्रभावशाली नेता हू डेपिंग ने अपनी पार्टी को सोवियत संघ के विघटन की याद दिलाई है। उन्होंने उस घटना से सीख लेने की नसीहत देते हुए आगाह किया कि उसी तरह की गलतियां ना दोहराई जाएं, जिनके चलते सोवियत संघ खत्म हो गया था। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के साथ जारी कारोबारी जंग के बीच चीन लगातार धीमी होती अर्थव्यस्था के मोर्चे पर जूझ रहा है।

हांगकांग के अखबार चाइना मार्निग पोस्ट ने डेपिंग के हवाले से कहा, 'सोवियत की ओर से की गई घातक गलतियों में एक यह थी कि उन्होंने बेहद केंद्रीकृत सत्ता वाली सियासी व्यवस्था का अनुसरण किया था। हर समाजवादी ऐसा नहीं कर सकता। दूसरी (गलती) यह थी कि उनकी आर्थिक व्यवस्था सख्त थी। इस तरह हर समाजवादी देश योजनाबद्ध अर्थव्यस्था पर अमल नहीं कर सकता।'

उदार माने जाने वाले थिंक टैंक होंगफैन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल इकोनॉमिक्स स्टडीज की ओर से यहां आयोजित सेमीनार में 76 वर्षीय डेपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी से अपील की है कि वह सक्रियता के साथ राजनीतिक सुधार की संभावनाओं की तलाश करे। उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि मौजूदा हालात को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष उभर रहा है।

कौन हैं हू डेपिंग
डेपिंग सीपीसी के दिवगंत सुधारवादी महासचिव हू याओबांग के पुत्र हैं। डेपिंग सीपीसी के उदारवादी धड़े से ताल्लुक रखते हैं। वह साल 2013 तक सीपीसी की सलाह देने वाली संस्था पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कांफ्रेंस के सदस्य रहे। डेपिंग निजी क्षेत्र और बाजार सुधार के प्रबल समर्थक हैं।

पिता की मौत पर हुआ था थ्येन आनमन कांड
डेपिंग के पिता याओबांग की मौत के बाद 1989 में बीजिंग में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए थे। नतीजन थ्येन आनमन स्क्वायर पर दमनकारी कार्रवाई की गई थी।

1991 में सोवियत का हुआ था विघटन
दुनिया में बड़ी ताकत माने जाने वाले सोवियत संघ का 1991 में विघटन हो गया था। वहां ताकतवर कम्युनिस्ट पार्टी का शासन था।

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